इस वजह से जयपुर हुआ विश्व धरोहर में शामिल अौर इससे होगा यह फ़ायदा !


छह जुलाई 2019 का दिन राजस्थान के लिए देश के लिए और जयपुर के लिए एक ख़ुशख़बरी लेकर आया था ख़ुशख़बरी यह थी कि जयपुर को विश्व धरोहर में शामिल कर लिया गया है !

जयपुर का वो हिस्सा जिसे चारदीवारी कहा जाता है या जिसे परकोटा भी कहा जाता है उसे विश्व धरोहर में शामिल कर लिया गया है!

उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर जयपुर वासियों और प्रदेशवासियों को बधाई दी!

पहले हम यह जान लें कि यह विश्व धरोहर होता क्या है और इसे शामिल कौन करता है!
विश्व धरोहर इसलिए बनाए जाते हैं क्योंकि वह पूरे विश्व में अमूल्य और अतुल्य होते हैं उन्हें आने वाली पीढ़ियों के लिए सहेज कर रखा जाना बेहद आवश्यक है !

इसलिए संयुक्त राष्ट्र संघ की एक संस्था यूनेस्को के द्वारा यह विश्व धरोहर शामिल किए जाते हैं!

पिछले दिनों अज़रबैजान की राजधानी बाकू में यूनेस्को की 43 वीं बैठक में जयपुर को विश्व धरोहर में शामिल किया गया!

जयपुर राजस्थान की राजधानी है और इसमें ऐतिहासिकता के साथ साथ आधुनिकता और सांस्कृतिक पहचान भी शामिल है !

जयपुर का नगर नियोजन और यहाँ की चौड़ी सड़कें पहले से ही पूरे देश में अपनी अलग पहचान रखती हैं!
यहाँ की वास्तुकला जयपुर की जूतियां और यहाँ के महल बेहद प्रसिद्ध हैं!

हवामहल पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान रखता है इसके अतिरिक्त आमेर महल जयगढ़ दुर्ग,नाहरगढ़ दुर्ग और अलबर्ट हॉल भी बहुत प्रसिद्ध हैं!

आपको बता दें कि विश्व धरोहर के रूप में भारत में कुल 38 स्थल हैं उसमें ताज महल क़ुतुब मीनार जैसी बहू प्रसिद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक इमारतें भी आती है!

राजस्थान में भी विश्व धरोहर के रूप में तीन स्थल शामिल हैं जिनमें भरतपुर का केवलादेवी राष्ट्रीय अभयारण्य जो कि पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है उसे 1985 में विश्व धरोहर में शामिल कर लिया गया था !

इसके अलावा राजस्थान के छ: दुर्ग इसमें जालोर का दुर्ग जैसलमेर का दुर्ग भी शामिल हैं इन्हें विश्व धरोहर में शामिल किया गया है!

विश्व धरोहर में शामिल स्थलों का रख रखाव और उनके मेंटनेंस में ख़र्च का पैसा यूनेस्को देता है इससे अब जयपुर की दिशा व दशा बदल सकती है!

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