डॉ.संजय माधव ने बताया कि अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम में संशोधन के खिलाफ 2 अप्रैल के भारत बंद के बाद भाजपा सरकार व जातिवादी लोगों द्वारा दलित आदिवासी समुदाय पर हुए दमन के खिलाफ इस आंदोलन का गठन किया गया था। गौरतलब है कि भाजपा के शासन में दलितों और आदिवासियों के साथ-साथ अल्पसंख्यक समुदाय पर भी हमले बढ़े हैं। गौरक्षा के नाम पर अनेक अल्पसंख्यकों की हत्या कर दी गई। सुनियोजित तरीके से भीड़ द्वारा दलितों आदिवासियों अल्पसंख्यकों पर हमले किए जा रहे हैं।
आज की प्रेस वार्ता में 22जुलाई को होने वाली महापंचायत का पोस्टर विमोचन भी किया गया। पोस्टर का विमोचन टीसी राहुल, पी.एल मीमरोद, अभिजीत, कविता श्रीवास्तव, डॉ मोहम्मद इकबाल सिद्दीकी, बसंत हरियाणा, आर सी शर्मा , मोहन लाल बैरवा, सुमित्रा चोपड़ा, अनिल गोठवाल, मंजू लता, राहुल कुमार, अनिल गोस्वामी, सुमन देवठिया,पवन कुसुम साईवाल, राजकुमारी डोगरा, लेखराज पांचाल ने किया। पोस्टर का विमोचन करते हुए बताया कि 22 जुलाई की महापंचायत को लेकर आगामी समय में जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा।जिसके तहत राजस्थान के सभी जिलों में विभिन्न संगठन महापंचायत का प्रचार प्रसार करेंगे। व्यापक जन अभियान चलाते हुए शहरों में मौहल्ला सभा,ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम सभा आयोजित की जाएगी। भाजपा और संघ के दलित-आदिवासी अल्पसंख्यक विरोधी मनुवादी चरित्र को उजागर करने के लिए व्यापक जन जागरण अभियान चलाया जाएगा व सांप्रदायिक चेहरे का पर्दाफाश किया जाएगा।
महापंचायत में पूरे राजस्थान से दलित,आदिवासी ,अल्पसंख्यक के साथ किसान,विद्यार्थी ,नौजवान व महिलाएं भी बड़ी संख्या में भाग लेंगे।