
जयपुर। भारत के चार वैज्ञानिकों डॉ. आरिफ खान, डॉ. नूपुर भटनागर, डॉ. तृप्ति यादव और डॉ. गरिमा शर्मा को उनके अभिनव आविष्कार “पोर्टेबल खाद्य सूक्ष्मजीव विज्ञान विश्लेषक” के लिए भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय से पेटेंट प्राप्त हुआ है। यह पेटेंट श्रेणी 24-01 के अंतर्गत 4 अप्रैल 2025 को पंजीकृत किया गया था और 9 जुलाई 2025 को प्रमाण-पत्र जारी किया गया।
डॉ आरिफ खान ने बताया कि यह पोर्टेबल उपकरण खाद्य पदार्थों में सूक्ष्मजीवों की त्वरित पहचान और विश्लेषण की सुविधा प्रदान करता है, जो न केवल खाद्य उद्योग बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए भी अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा। इसकी सहायता से खाद्य गुणवत्ता की जांच को सरल, तेज़ और प्रभावी बनाया जा सकेगा।
पेटेंट की मंज़ूरी पेटेंट अधिनियम, 2000 एवं डिज़ाइन नियम, 2001 के तहत भारत सरकार के पेटेंट, डिज़ाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक द्वारा प्रदान की गई। इस उपलब्धि से भारतीय वैज्ञानिकों की नवाचार शक्ति और अनुसंधान क्षमता को नई पहचान मिली है।
इस शोध में डॉ. आरिफ खान मुख्य अनुसंधानकर्ता के रूप में कार्यरत रहे हैं। वे राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले की टिब्बी तहसील के मसानी गांव के निवासी हैं और वर्तमान में भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन कुराज में नियमित रूप से सेवारत हैं।
सरकारी कर्मचारी होने के नाते, डॉ. आरिफ खान ने घोषणा की है कि यदि भविष्य में इस पेटेंट से कोई राजस्व अर्जित होता है, तो वह उसे भारत सरकार को अनुसंधान और नवाचार के हित में समर्पित करेंगे। यह कदम देशभक्ति और वैज्ञानिक निष्ठा का एक प्रेरणादायी उदाहरण प्रस्तुत करता है। यह पेटेंट न केवल एक तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि भारत की बढ़ती वैज्ञानिक शक्ति का भी प्रमाण है। डॉ. खान ने इसका श्रेय अपने पिता एडवोकेट फरीद खान एवं नाना नूरनबी भाटी रोड़ावाली को दिया।