राहुल गांधी को सत्ता की कुर्सी तक पहुंचाने के लिये राजस्थान कांग्रेस मिशन -25 में लगी हुई है। इसको पाने के लिये तेराह मे से बारह निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी कांग्रेस ने हासिल कर लिया है। भाजपा के दिग्गज नेता रहे पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी, पूर्व मंत्री सुरेंद्र गोयल व पूर्व मंत्री जनार्दन गहलोत के अलावा बसपा नेता डूंगर राम गेदर को भी कांग्रेस पार्टी मे शामिल कर लिया है। इसके साथ साथ जयपुर के पार्षदों व जिला परिषद सदस्यों मे तोड़फोड़ करके मेयर विष्णु लाटा व जिला प्रमुख मुलचंद मीणा को भी कांग्रेस जोईन करवा दी है। ऐसा करके कांग्रेस ने अपनी स्थिति को काफी मजबूत कर लिया है।
नये घटनाक्रम के तहत कांग्रेस पार्टी और विधायक हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को नागौर सीट देकर गठबंधन पूख्ता करने की घोषणा मात्र बाकी है।
रालोपा के नेता विधायक हनुमान बेनीवाल की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से गठबंधन को लेकर लम्बी मंत्रणा मे पहले बेनीवाल ने नागौर के अलावा पाली व बाडमेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर दावा ठोका, लेकिन फिर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के साथ हुई दूसरे दौर की वार्ता में बेनीवाल मात्र एक नागौर सीट लेने के साथ गठबंधन को तैयार हो गये बताते है। जिसकी घोषणा कभी भी की जा सकती है।
हालांकि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलेट ने एक सप्ताह पहले किसी दल से गठबंधन नही करकर सभी पच्चीस सीटो पर कांग्रेस अकेली अपने दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा करके छोटे दलो पर दवाब बनाया था। इसके विपरीत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन्हीं छोटे दलो से बराबर दोस्ती का हाथ बढ़ाये रखा। जिसका परिणाम रालोपा के साथ गठबंधन होने का आ रहा है।
रालोपा के अलावा मेवाड़ मे आदिवासियों की भारतीय ट्राईबल पार्टी की तीन लोकसभा क्षेत्रो से चुनाव लड़ने की घोषणा करने के बावजूद उसके व कांग्रेस के मध्य गठबंधन होने की सम्भावना पूरी तरह जताई जा रही है। अब बीटीपी केवल एक बांसवाड़ा सीट पर लोकसभा चुनाव गठबंधन के तहत लड़ेगी ओर उदयपुर व चितौड़गढ़ से दावा वापस ले लेगी।
छोटे दलो मे तीन विधायकों वाली रालोपा व दो विधायकों वाली बीटीपी के अलावा अब दो विधायकों वाली माकपा के साथ एक बीकानेर सीट देने की सहमति बनाने के लिये दिल्ली स्तर पर कांग्रेस व वामदलो के मध्य खीचड़ी पक रही बताते है। जिसका सकारात्मक परिणाम भी जल्दी सामने आ सकता है।
राजस्थान मे 29-अप्रेल व 6-मई को अलग अलग दो दौर मे चुनाव होने है। इनकी चुनावी प्रक्रिया शूरु होने के पहले भाजपा व बसपा के अलावा अन्य दलो के कई नेता कांग्रेस का दामन थाम सकते है। जबकि नागौर सीट रालोपा को देने के कारण पूर्व सांसद ज्योती मिर्धा भाजपा जोईन करके भाजपा उम्मीदवार बन सकती है।
–अशफ़ाक़ कायमखानी
(लेखक राजनीतिक विश्लेषक है)