राजस्थान में उर्दू बेरोजगारों द्वारा कई दिनों से चल रहे आंदोलन का असर अब दिखने लगा है। उर्दू के बेरोजगार युवा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बजट भाषण में की गई उर्दू शिक्षकों के 1000 पदों की घोषणा को पूरी करवाने के लिए कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं।
शुक्रवार 21 जनवरी को भी एडवोकेट पप्पू खिलजी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने जयपुर में मुख्य सचिव से मुलाकात कर मुख्यमंत्री की बजट घोषणा को पूरा करने की मांग की थी। इस मुलाकात के बाद आज वित्त विभाग ने एक आदेश जारी करते हुए लेवल 2 तृतीय श्रेणी उर्दू शिक्षकों के 541 पद और द्वितीय श्रेणी उर्दू शिक्षकों के 58 पदों की स्वीकृति जारी की है।
वित्त विभाग ने अपने आदेश में लिखा है कि माननीय मुख्यमंत्री महोदय की बजट घोषणा वर्ष 2021-22 के बिन्दु संख्या 385.00 की क्रियान्विति एवं पालना में स्थानातंरित अध्यापक (लेवल-10 ) ( उर्दू विषय) के 541 पदों एवं वरिष्ठ अध्यापक (लेवल-11) (उर्दू विषय) के 58 पदों का आवंटन निम्नलिखित विद्यालयों में सलग्न सूची अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु उनके सामने अंकित लेखामद में किया जाता है। पद का मिलान बजट मद सहित आईएफएमएस एवं शाला दर्पण से कर लिया जावे एवं उसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि पाये जाने पर तत्काल प्रभाव से इस कार्यालय को अवगत कराया जावे।
उर्दू के पद बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रहे बेरोजगार युवा नौशाद खेलदार ने जनमानस को बताया कि अभी तक हमारी आधी मांग पूरी हुई है जब तक उर्दू के पद बढ़ाकर रीट भर्ती की दोबारा वेकेंसी नहीं आ जाती तब तक हमारी यह लड़ाई जारी रहेगी। हमारी मांग इसी रीट भर्ती में पद बढ़ाने की है।
उन्होंने बताया कि अब हम सभी अल्प संख्यक विधायकों से मिलकर इसी भर्ती में उर्दू के पद बढ़ाने की मांग रखेंगे अगर हमारी मांग नहीं मानी गई तो हम उत्तर प्रदेश जाकर प्रियंका गांधी के सामने हमारी मांग उठाएंगे।
इससे पहले उर्दू के पद बढ़ाने की मांग को लेकर एडवोकेट पप्पू खिलजी के नेतृत्व में बीकानेर में शिक्षा निदेशालय के सामने 3 जनवरी से 10 जनवरी तक धरना दिया गया था। धरना समाप्ति से पहले शिक्षा निदेशक के साथ दो दौर की वार्ता भी हुई। वार्ता में यही कहा गया था कि वित्त विभाग से स्वीकृति आने के बाद उर्दू के पद बढ़ाकर संशोधित विज्ञप्ति जारी कर दी जाएगी। अब उसी संशोधित विज्ञप्ति का उर्दू के बेरोजगार युवा इंतजार कर रहे हैं।