होली और रमजान प्रेम शांति के पर्व, हिंदू मुस्लिम नेताओं ने की मिलकर मनाने की अपील

जयपुर । भारत की गंगा-जमुनी तहजीब और साझा संस्कृति एकता को सशक्त बनाने के उद्देश्य से आंबेडकराइट पार्टी ऑफ इण्डिया, दलित मुस्लिम एकता मंच, जन मोर्चा राजस्थान, भीम आर्मी, वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया ,अंबेडकर विचार मंच ,सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया एवं एस सी, एस टी, ओबीसी माइनॉरिटी आरक्षण अधिकार मंच के संयुक्त तत्वावधान में ” सामाजिक सौहार्द और एकता का संदेश : होली और रमजान” साझा उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन होटल आरको पैलेस सिन्धी कैंप जयपुर में सम्पन्न हुआ जिसमें समाज के गणमान्य नागरिकों और धर्मगुरुओं ने भाग लिया।

कार्यक्रम की मुख्य बातें

हिन्दू और मुस्लिम समाज के नेताओं ने एक मंच पर आकर भाईचारे और सौहार्द का संदेश दिया। वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि होली और रमजान दोनों ही पर्व आपसी प्रेम और शांति के प्रतीक हैं, जिन्हें सभी समुदायों को मिलकर मनाना चाहिए। यह संकल्प लिया गया की होली के दौरान मुस्लिम समाज का सम्मान रखा जाएगा और रमजान की पवित्रता को हिन्दु समुदाय भी समझेगा। समाज के सभी वर्गों को धार्मिक सहिष्णुता और आपसी सम्मान बनाए रखने की अपील की गई।

इस अवसर पर विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों अब्दुल लतीफ आरको, हाफिज मंज़ूर, दशरथ सिंह हिनोनिया, मोहन बैरवा, के सी. घुमरिया, मेहता राम काला, वकार अहमद, डॉक्टर शाहबुद्दीन, रणजीत जाटव, सगीरुद्दीन आदि ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि वर्तमान समय में जब सामाजिक और धार्मिक दुराग्रह की प्रवृत्ति बढ़ गई है, तब ऐसे आयोजनो की आवश्यकता भी बढ़ जाती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सभी समुदायों के बीच आपसी समझ और सहयोग को बढ़ावा देना है, ताकि समाज में शांति और सद्भाव बना रहे।

जनता और प्रशासन से अपील

सभी संगठनों ने आम जनता और प्रशासन से यह अपील की है कि धर्म और आस्था को विभाजन का माध्यम न बनने दें, बल्कि यह समाज को जोड़ने का कार्य करे। प्रशासन से यह भी अनुरोध है कि रमजान के अवसर पर शांति और सौहार्द बनाये रखने के लिए आवश्यक कदम उठाये जाएँ।

वक्ताओं ने वक्फ संशोधन बिल के बारे में बोलते हुए कहा कि वक्फ अमेंडमेंट बिल 2024 को मौजूदा सरकार ने पार्लियामेंट के इसी सेशन में पास करवाने में लगी है। यह बिल संविधान की धार्मिक स्वतंत्रता का खुला उल्लंघन है। अगर यह बिल पास हो जाता है तो कोई हमारे कबिस्तान, मस्जिदें, दरगाहे और दूसरी वक्फ की जमीनें सुरक्षित नहीं रह सकेंगी और ना ही उनके सदुपयोग को ठीक से अंजाम दिया जा सकेगा।

वक्ताओं ने मांग उठाई कि विपक्ष के नेताओं पर होने वाले हमले और ईडी द्वारा अनुचित प्रताड़ित करवाया जाना बंद हो और उनकी सुरक्षा को लाज़मी किया जाना चाहिऐ।

यह संयुक्त वक्तव्य अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इण्डिया, दलित मुस्लिम एकता मंच, जन मोर्चा राजस्थान, भीम आर्मी, वेलफेयर पार्टी ऑफ इंण्डिया, अंबेडकर विचार मंच और एस डी पी आई द्वारा जारी किया गया।

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