ओसियां के पास स्थित छोटे से गाँव खेतासर एक वीडियो वायरल हो रही है. वीडियो ये हैं की ओसियां विधायक दिव्या मुद्दे राणा स्टेज पर कुर्सी पर बैठे हैं तभी उनके बग़ल की ख़ाली कुर्सी पर वहाँ की सरपंच चंदू देवी आकर बैठती हैं तब ही विधायक दिव्या मदेरणा उन्हें उठने के लिए बोलती हैं और सामने बैठे लोगों के बीच जाकर बैठने को बोलती हैं.
सरपंच चुपचाप उठकर आम लोगों के बीच बैठ तो जाते हैं लेकिन ये वीडियो चारों तरफ़ वायरल हो जाता है!
सरपंच ने दैनिक भास्कर को बताया कि “विधायक मदेरणा ने एक महिला जनप्रतिनिधि होते हुए भी मेरा अपमान कर बराबर नहीं बैठने दिया। यह उनकी सोच हैं। मुझे कोई परेशानी नहीं हुई!
देखिए विडियो:-
मैं तो ग्रामीणों के आग्रह पर ही स्वागत करने पहुंची थी। पंचायत की जनता की ओर से विधायक के पास ही गांव की प्रथम नागरिक होने के कारण मेरे लिए कुर्सी लगाई गई थी।
इस पूरे प्रकरण पर बात करते हुए हैं और से विधायक दिव्या मदेरणा ने सबसे पहले
जनमानस राजस्थान पर अपनी प्रतिक्रिया दी उन्होंने क्या कहा की
“मैं अपने विधानसभा क्षेत्र में धन्यवाद सभा कर रही हूं हर ग्रामसभा मुख्यालय पर,कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं की,पार्टी के बूथ एजेंट,पार्टी के सदस्य,युवा कांग्रेस के सदस्य,हर एक वो कांग्रेस विचारधारा से जो जुड़ा है,जिसने कांग्रेस के चिन्ह पर मुझे वोट देकर मूल्यों सिद्धांतों,नेहरू,गांधी और मेरे परिवार के जो सिद्धान्त रहे उसपर वोट किया,कांग्रेस पार्टी की मैं सभा कर रही हूं”
वो सरपंच जो हैं सो भाजपा से हैं और मैं भाजपा के साथ कैसे स्टेज शेयर करके कांग्रेस के मनोबल तोड़ूंगी ?
दूसरी बात,दूसरी बात ये है वहां पर उनपर शेड्यूल कास्ट का कोई केस भी हुवा वा है उन्होंने स्वयं अपनी जेसीबी ले जाकर उनके किसी आस्था के स्थान को तोड़ दिया,मैं अगर उनको बाय चांस यस भी कर देती हूं मेरे पर जातिवाद के आरोप लगते,मेघवाल के घर में घुसकर!
उसके खेत में जेसीबी से आस्था का स्थान उठवा देती हैं,क्या आपने कभी देखा है की कोई भाजपा का कार्यकर्ता भाजपा का पदाधिकारी स्टेज शेयर करे कांग्रेस के साथ,और मैने उनसे बड़े अच्छे से नमस्कार किया है!
अभिवादन किया है उनके आने से पहले, मैं उनसे अच्छी तरह से मिली हूँ,आप वीडियों भी देखें तो मैंने बड़ी शालीनता से कहा है,मेरे कर्मठ कार्यकर्ता,मुख्य कार्यकर्ता हैं,पदाधिकारीगण हैं ब्लॉक कमेटी के,सारे नीचे तक कांग्रेस का पूरे अंदर तक जो कांग्रेस का कार्यकर्ता है,कट्टर बीजेपी के कार्यकर्ता वहां हैं,मैं धन्यवाद ही कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को देने जा रही हूँ।
मैं तो खुली हूँ,मैं तो अभी आज जा रही हूं और कहूंगी मौकापरस्त लोगों के लिए मेरे पास कोई जगह नही है,मैं नेहरू और गांधी के सिद्धांतिक पार्टी से आई हूँ।
आप बढ़ते हुए व्यक्ति को रोकने की कोशिश करते हैं,वास्तिवकता तो जानिए,उसी सभा को अगर आप मेरे ऑफिशियल फेसबुक पेज पर देखेंगे तो आपको दिखेगा की मेरे स्टेज पर बहुत सारी महिलाएं आई हैं,और जो सरपंच थी वो भी बैठी हैं,मगर वो मेरे दल से तो नही हैं ना,
इस तरह नही घेरी जाती मैं,मूल्यों और सिद्धान्त पर वोट मांगने आई थीं,और मैं उसपर अडिग हूँ”
अब कौन सही है कौन ग़लत ये तो इस प्रकरण के इन तमाम पहलुओं के मद्देनज़र आपको सोचना है