बाबा रामदेव की संस्था पतंजलि द्वारा कोरोना की दवा बनाने का दावा करने के बाद से ही उस पर कई सवालिया निशान लगने शुरू हो गए हैं।
फिलहाल भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने इस दवाई के प्रचार प्रसार और विज्ञापन पर रोक लगा दी है।
शुरू में पतंजलि की दवा परीक्षण का खुलासा तब हुआ जब मध्यप्रदेश में इंदौर के कलेक्टर ने पतंजलि को दवा के परीक्षण की अनुमति दे दी थी जो कि उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आती थी।
दिनांक 21 मई 2020 को राजस्थान नागरिक मंच के अनिल गोस्वामी व जन स्वास्थ्य अभियान इंदौर के अमूल्य निधि ने मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश सरकार, आयुष मंत्रालय भारत सरकार, डायरेक्टर जनरल ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया, आईसीएमआर को पत्र लिखकर पतंजलि को दी गई अनुमति व परीक्षण को रद्द करवाने की मांग की।
इस शिकायत के बाद ही पतंजलि की दवा परीक्षण की अनुमति को निरस्त कर दिया गया।
इस बीच टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर में ऐसा ही ट्रायल जयपुर में होने की खबर प्रकाशित हुई। इस ख़बर के बाद दिनांक 24 मई 2020 को राजस्थान नागरिक मंच, जयपुर व जन स्वास्थ्य अभियान इंदौर ने राजस्थान के मुख्यमंत्री, राजस्थान के चिकित्सा मंत्री, आयुष मंत्रालय भारत सरकार, डायरेक्टर जनरल ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया, और आईसीएमआर को पत्र लिखकर उनके संज्ञान में लाया गया कि पतंजलि की ड्रग ट्रायल जयपुर में कुछ मरीजों को किए जाने की बात आ रही है ।
राजस्थान नागरिक मंच और जन स्वास्थ्य अभियान संगठन ने इस पत्र के माध्यम से यह मांग की कि इसकी सत्यता की जांच सुनिश्चित की जाए कि ड्रग ट्रायल नियम अनुसार उचित माध्यम से अनुमति प्राप्ति के अनुरूप हो और इसके लिए निर्धारित प्रक्रिया की पालना हो रही है या नही?
राजस्थान नागरिक मंच के अनिल गोस्वामी ने जनमानस को बताया कि,
पतंजलि की दवाई को लेकर आज जो स्थिति है यह सवाल हमारे द्वारा केंद्र सरकार, आयुष मंत्रालय, आईसीएमआर, डायरेक्टर जनरल ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया एवं राज्य सरकार को समय रहते संज्ञान में लाए जा चुके थे।
फिर भी उन पर ध्यान नहीं दिया गया और अब जाकर आयुष मंत्रालय का नोटिफिकेशन आया है उसमें भी सिर्फ विज्ञापन पर रोक लगाई गई है जबकि बिना किसी ऑथोरिटी की परमिशन के दवा को बाजार में लांच नही किया जा सकता।
राजस्थान नागरिक मंच एवं जनस्वास्थ्य अभियान इंदौर की तरफ से हम यह की मांग करते है कि बाजार से पतंजलि की इस दवा को हटाया जाए एवं जांच के लिए पतंजलि और निम्स पर मामला दर्ज हो और साथ ही निम्स का कोविड ट्रीटमेंट सेंटर निरस्त हो।
जयपुर में डॉ संजीव गुप्ता ने भी गांधी नगर पुलिस स्टेशन में प्रार्थना पत्र देकर पतंजलि पर महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।