दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष डॉ जफरुल इस्लाम खान द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखने के बाद उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया है. उनके खिलाफ यह मामला राजद्रोह और नफरत फैलाने के आरोप में दर्ज किया गया है.
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन डॉक्टर ज़फरुल इस्लाम खान पर दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की ओर से गंभीर दफाओं के तहत एफआइआर दर्ज करने पर जमाअत इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने अत्यंत हैरत और रोष प्रकट किया है।
मीडिया को जारी अपने बयान में उन्होंने कहा कि डॉक्टर खान एक ज़िम्मेदार और संजीदा बुद्धिजीवी, पत्रकार और लेखक हैं। उनके अंग्रज़ी, अरबी और उर्दू के लेखों को विश्वभर में पढ़ा जाता है।
इस समय वह राज्य अल्पसंख्यक आयोग जैसे महत्वपूर्ण कानूनी और उप -न्यायिक संस्थान के चेयरमैन भी हैं।
अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही नाइंसाफियों के खिलाफ बोलना और सरकार का ध्यान आकृष्ट करना उनके सरकारी दायित्वों में शामिल है।
अगर एफआईआर की ख़बर सत्य है तो इससे यह प्रकट होता है कि देश के प्रतिष्ठित व्यक्तित्व ही नहीं बल्कि महत्वपूर्ण क़ानूनी संस्थान भी पुलिस की ज़्यादती से सुरक्षित नहीं रहे हैं। यह बात पूरे देश के लिए अत्यंत चिंताजनक है।
सैयद सआदतुल्लाह ने कहा कि उनके जिस बयान को इस संगीन केस के लिए आधार बनाया जा रहा है उसके कुछ हिस्सों से मतभेद संभव है। उन्होंन स्वंय इस पर अपना स्पष्टीकरण जारी कर दिया है।
लेकिन इसके बावजूद कुछ उग्र और पक्षपाती टीवी चैनलों और सोशल मीडिया ट्रोल्स के दबाव पर दिल्ली पुलिस की यह हरकत पूरे देश के लिए अत्यंत शर्मनाक है।
हालांकि पूरा देश यह देख रहा है कि यही पुलिस अल्पसंख्यकों और उनके मज़हबों के खि़लाफ़ उन अत्यंत ज़हरीली और नफ़रती पोस्टों को लगातार नज़रअंदाज़ करती आ रही है जिन से सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स भरे पड़े हैं।
इस हरकत से दिल्ली पुलिस की निष्पक्षता और पेशेवराना ईमानदारी पर सवालिया निशान खड़ा होता है।
सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के द्वारा अल्पसंख्यकों की समस्याओं के हल के लिए डॉक्टर खान की गंभीर कोशिशों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके द्वारा समय रहते की गई कोशिशों ने दिल्ली के सभी अल्पसंख्यकों मुस्लिम, सिख, ईसाइयों आदि के मध्य आयोग के विश्वास को बढ़ाया है।
डॉ जफरुल इस्लाम ने दुनिया भर में चरमपंथियों और धार्मिक हिंसा के खिलाफ लिखा है। आईएस और इस जैसे चरमपंथी संगठनों के कृत्यों पर उनकी निन्दा, बयानों और सुझावों ने चरमपंथी के खिलाफ़ संघर्ष में अहम भूमिका निभाई।
इन बयानों और लेखों ने विश्वभर में हमारे देश के सम्मान को बढ़ाया है। आज अगर वह देश में बढ़ती हुए चरमपंथ और साम्प्रदायिकता के खिलाफ़ कुछ बोलते हैं तो इसे देश और देश की जनता से उनका प्रेम और और चरमपंथी के खिलाफ़ उनके लगातार संघर्ष के एक भाग के तौर पर लिया जाना चाहिए।
जमाअत के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सरकारी अधिकारियों और दिल्ली पुलिस के पदाधिकारियों से पुरज़ोर मांग की है कि वह तुरंत इस केस को वापस लें और जो लोग डॉक्टर खान के बयानों को उनके स्पष्टीकरण के बावजूद ग़लत अर्थ देकर उसे देश भर में नफ़रत और अलगाव को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं उन पर रोक लगायें।