मुस्लिम समझ कर दलित को ज़बरदस्ती जय श्री राम कहलवाया तो सुना दी रामायण की चौपाई!


देश में ‘जय श्री राम’ के नारों पर जान लेने वाले जिस तरह घूम रहे हैं उसके बीच एक अच्छी खबर आई है जो आपका दिल खुश कर देगी।

झारखंड में एक गांव जामताड़ा है, जहां एक ठेले पर फल बेचने वाले बुजुर्ग के साथ राम के जयकारे लगाने वाला वाकया हुआ।

लेकिन इस बुजुर्ग ने जयकारा नहीं लगाया पर जो कहा वो उन लोगों को हमेशा याद रहेगा जो जयकारा लगाने के लिए धमका रहे थे।

दरअसल, मस्जिद रोड़ पर मोहनलाल नाम के शख्स फलों की दुकान लगाते हैं। सोमवार को कुछ बाइक सवार युवक उनकी दुकान पर आए और उन्हें मुस्लिम समझ लिया।

इसके बाद वो उन्हें धमकाने लगे और जय श्री राम का नारा लगाने को कहा।

बुजुर्ग ने उन्हें देखा और जय श्रीराम का नारा नहीं लगाया, इस पर वो गुस्सा हो गए और ज्यादा धमकाने लगे तभी बुजुर्ग ने एक जबर बात कही जिसे सुनकर बाइक सवार वहां से भाग गए और शायद थोड़ी देर सोचने पर भी मजबूर हुए।

बुजुर्ग ने नारे की जगह उन लोगों को रामचरित मानस की एक चौपाई सुनाई –

‘बैर न कर काहू सन कोई, राम प्रताप विषमता खोई.’

आपको बता दें कि यह रामचरितमानस की एक चौपाई है जिसमें आपस में बैर नहीं रखने के लिए कहा गया है। बुजुर्ग ने इसका मतलब भी समझाया और कहा राम का धर्म कहता है कि किसी से बैर मत रखो। राम से प्रेम करने वाले विषमता व आंतरिक भेदभाव नहीं फैलाते, बल्कि उसे मिटाने का काम करते हैं।

अब राम के नाम पर नफरत फैलाने वाले उन युवकों के पास चौपाई सुनने के बाद कहने के लिए कुछ नहीं था। बाइक सवार लोगों को बुजुर्ग की बात समझ में आई।

बुजुर्ग ने राम का नारा लगाए बिना राम का नाम लिया और साथ में उन लोगों को एक जबरदस्त मैसेज दिया। पुलिस अब बाइक सवारों की तलाश कर रही है।

-अवधेश

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