कोरोना संकट के बीच चूरू जिले के सरदारशहर कस्बे से एक निजी अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा कथित रूप से मुस्लिम मरीजों का इलाज नहीं करने को लेकर अस्पताल कर्मचारियों के बीच एक कथित व्हाट्सएप चैट 2 दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद घमासान मच गया।
चैट में अस्पताल के कर्मचारी कथित रूप से मुस्लिम मरीजों को कोरोना संकट के दौरान इलाज नहीं देने की बात कर रहे थे। वायरल हुए “बरड़िया राइज” नामक ग्रुप की चैट के मुताबिक एक मैसेज में यह लिखा था कि “कल से मैं मुस्लिम पेशेंट का एक्स-रे नहीं करूंगा।
वहीं एक अन्य सदस्य लिखता है कि “मुस्लिम मरीजों को देखना बंद करवा दो”। अगर हिंदू पॉजिटिव होते हैं तो मुस्लिम डॉक्टर उन्हें कभी नहीं देखता है, आज से मैं भी मुस्लिम मरीजों को नहीं देखूंगी।
@jaipur_police @LambaAlka @ashokgehlot51 @SachinPilot @GovindDotasra @DrKhanukhaninc @PoliceRajasthan
सर आपसे अनुरोध है ये राजस्थान के चूरू जिले के सरदारशहर में साम्प्रदायिक सद्भावना को तोङ मरोङने का घिनौना खैल चल रहा है डाक्टर ग्रूप के द्वारा। आप उचित कार्रवाई करे। pic.twitter.com/vqhgrYp8t6— Nissar Bharu (@NissarBharu2) June 5, 2020
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए, सरदारशहर पुलिस स्टेशन के उप-निरीक्षक रमेश पन्नू का कहना है कि, वे इस मामले की जांच कर रहे हैं।
“दो दिन पहले, पुलिस कंट्रोल रूम में सरदारशहर के एक निजी अस्पताल के कर्मचारियों के बीच कथित व्हाट्सएप ग्रुप चैट के सोशल मीडिया पर स्क्रीनशॉट साझा किए जाने की शिकायत मिली थी, जो एक धर्म विशेष के खिलाफ भेदभावपूर्ण हैं। चैट का समय कोविड महामारी और लॉकडाउन के दौरान का लगता है।
हमारे पास पहुंची शिकायत में आरोप लगाया गया है कि मैसेज की प्रकृति भेदभाव और सांप्रदायिक हैं। हम मामले की जांच कर रहे हैं और अभी तक कोई FIR दर्ज नहीं की गई है।
डॉक्टर ने सोशल मीडिया के जरिए मांगी माफी
वहीं इसी रिपोर्ट के मुताबिक इसी अस्पताल श्रीचंद बरड़िया रोग निदान केंद्र के संचालक डॉ. सुनील चौधरी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि,
यह स्क्रीनशॉट अप्रैल के हैं। “मैंने सोशल मीडिया पर इस बारे में माफी मांगी है। यह चैट अप्रैल की है जब तब्लीगी जमात से संबंधित कोविड के मामले सामने आ रहे थे। हमारे क्षेत्र में कई मामले थे… जैसा कि आप देख सकते हैं कि किसी ने यह लिखा है और इसमें कोई संदेह नहीं है लेकिन आपको वास्तविकता जानने की कोशिश करनी चाहिए।
आगे वह कहते हैं कि यदि आप नियमित रूप से आने वाले मुस्लिम रोगियों की संख्या को देखेंगे तो जमीनी हकीकत का चैट में कही गई बातों से कोई संबंध नहीं है। मैं सभी को 24-घंटे स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहा हूं। हमने कभी भी किसी के साथ उनके धर्म या जाति के आधार पर भेदभाव नहीं किया है।
इसके अलावा चौधरी ने बीते कल फेसबुक के माध्यम से एक पोस्ट के जरिए इस घटना पर माफी मांगते हुए लिखा है कि, अस्पताल के कर्मचारियों का किसी भी धार्मिक समूह को चोट पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था, अगर फिर भी कुछ लोगों को बुरा लगा तो मैं सभी से माफी मांगता हूं।