आज के सोशल मीडिया की इस तेज़ रफ़्तार में लोग संदेश या जानकारी को बिना जांच पड़ताल किये और बिना सोचे विचारे बस तेज़ी से आगे बढ़ा रहे है। जिससे अन्य लोगो में भी ग़लत जानकारी और संदेशों का आदान प्रदान हो रहा है और यह चलन तेजी से बढ़ रहा है।
ऐसा ही एक केस सामने आया है जिसमें सोशल मीडिया पर एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें बताया जा रहा है कि अगर आपके घर पर कोई समारोह / पार्टी होती है और जब आप देखते हैं कि बहुत सारा खाना बर्बाद हो सकता है, तो कृपया 1098 पर कॉल करने में संकोच न करें (केवल भारत में कहीं भी) – चाइल्ड हेल्प लाइन । वे आएंगे और भोजन एकत्र करेंगे … कृपया इस संदेश को प्रसारित करें जो कई बच्चों को खिलाने में मदद कर सकता है। कृपया इस सन्देश को आगे भेजें क्योंकि “मदद करने वाले हाथ प्रार्थना की तुलना में बेहतर होते हैं”
जबकि चाइल्ड हेल्प लाइन की ऑफिशियल वेबसाइट www.childlineindia.org पर यह साफ शब्दों में लिखा गया है कि ये हेल्पलाइन नम्बर सिर्फ जरूरत मंद बच्चों की देखभाल और उनकी रक्षा के लिए दिया गया और उसमें ये भी साफ साफ लिखा गया है ‘हम भोजन नहीं उठाते और न ही भोजन वितरित करते हैं। यह मेल हमारे द्वारा शुरू नहीं किया गया है, कृपया इसे प्रसारित न करें। आपका सहयोग सराहनीय है’
किसी भी मैसेज को बिना सोचे समझे आगे भेजने से पहले हमें उसकी सत्यता की जानकारी जरूर कर लेनी चाहिए। पता नहीं यह मैसेज कंहा से किसने शुरू किया है, इसमें प्रधानमंत्री मोदी के नाम का भी इस्तेमाल किया है जिससे कि लोग इसको सही मान कर आगे फॉरवर्ड कर रहें हैं। लेकिन इस तरह के फ़ोन आने आने से चाइल्ड लाइन पर काम करने वालों को भी बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 1098 पूरे भारत मे कंही भी मुसीबत में फंसे हुए बच्चों की सहायता और सुरक्षा के लिए एक हेल्प लाइन नम्बर है। आपसे अनुरोध है कि इस तरह के मैसेज को फॉरवर्ड न करें जिसमें यह लिखा हो कि यह नम्बर 1098 शादी पार्टी के बचे हुए खाने को इकठ्ठा करने के लिए है।
-रिंकू मीणा
(स्वतंत्र पत्रकार एवं फोटोग्राफर)