छबड़ा विधायक व पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी ने 11 अप्रैल को छबड़ा में हुए सांप्रदायिक दंगे के मामले में प्रशासन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन ने दंगे के बाद दोनों समुदायों के साथ सामूहिक बैठक में यह वादा किया था कि इस मामले में जो भी आरोपी हैं और जिन्होंने भी लोगों को भड़काया है, उनकी गिरफ्तारी की जाएगी।
प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया था कि जिन दुकानों व मकानों को जलाया गया है या जिनमें लूटपाट की गई है, उन्हें नुकसान के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा।
सिंघवी ने कहा कि प्रशासन ने ही नहीं, खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने भी सर्वदलीय बैठक में यहां तक भरोसा दिया था कि यदि सरकार मुआवजा नहीं देगी तो बारां के पार्श्वनाथ चैरिटेबल ट्रस्ट से मदद दिलवाउंगा।
उनके इस आश्वासन के बाद ही छबड़ा का बाजार व्यापारियों ने खोला था। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने सभी वादों को पूरा करने के लिए एक महीने का समय मांगा था जो पूरा हो चुका है। अभी तक न तो सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है और न ही किसी को मुआवजा मिला है।
विधायक ने आरोप लगाया कि कई आरोपी खुलेआम पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से मिल रहे हैं। इन्हें पकड़ने के बजाय निरपराध लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है। यदि प्रशासन का यही रवैया रहा तो भाजपा, छबड़ा की सभी संस्थाओं व आम जनता को आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।