जन की बात
सरकारें आती जाती रहती हैं, कभी सत्ता इनके हाथ में तो कभी उनके हाथ में। पर…
ये बेक़रारी कैसी कुछ टूटा भी नहीं तेरे-मेरे दरम्यां, फिर ये आवाज कैसी कभी छूटा भी…
आज फिर से तुमने बता दिया कि कोई तुम्हारे ऊपर भरोसा नहीं कर सकता है। तुम…
एक अंधेरी कोठर जिसमे, पल रही है नव आगंतुक। आद्र है तनमन आद्र है सब कुछ,…