शहर का तब्दील होना, शाद रहना और उदास रौनके जितनी यहां है, औरतों के दम से है !”

मुनीर नियाज़ी नामी शायर ने अपने ज़माने में कहा था कि “शहर का तब्दील होना शाद…

कौन हैं ये लोग जो तर्क करते हैं? जनरल, ”ये विश्वविद्यालयों के लोग हैं।”

”हमारी बात की खिलाफ़त करने वालों का मुँह बंद कर दो।” ”जनरल, सारी ताक़त इसी पर…

भगत सिंह को आप कितना जानते हैं ?

भगत सिंह का नाम सुनते ही एक युवा, बहादुर और जोशीले क्रांतिवीर की हंसती हुई तस्वीर…

क्या हम वाकई आज़ाद हैं ? देशवासियों से एक रिसर्च स्कॉलर ने पूछे सुलगते सवाल !

बीते दिनों आज़ादी की सालगिरह पर जब मैंने अपने देश की ग़ुलाम आवाम को आज़ाद होने…