केंद्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान के छात्र अंकित की कविता-काश! वो दिन…..

काश! वो दिन….. काश! वो दिन फिर से आ जाए, जब कोई किसी बहाने से मुझसे…

उजाले अपनी यादों के हमेशा साथ रहने दो, ना जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए!!

-माजिद मजाज़ “मैं तेरे साथ सितारों से गुज़र सकता हूँ कितना आसान मोहब्बत का सफ़र लगता…

फिजिक्स के छात्र अंकित कुमार की कविता-कौंन कहता है प्यार नहीं

कौंन कहता है प्यार नहीं? कौंन कहता है कमबख्त दिल को कभी प्यार नहीं? प्यार तो…

पहाड़ी पर आकर ज़िन्दगी की असफलताओ से बहुत कुछ सीखने को मिलता है

-ख़ान शाहीन जनवरी का महीना था…. सर्दियो की ख़ूबसूरत दोपहर, पौधों पर बर्फ़ इस तरह जम गई…