बिहार दिवस पर विशेष
“एक बिहारी सब पर भारी” का स्लोगन बिहार वासियों में नया जोश भर देता है। आखिर हों भी क्यों न! बिहार का गौरवशाली अतीत काफी समृद्ध रहा है।महात्मा बुद्ध और भगवान महावीर ने दुनिया को सत्य अहिंसा का संदेश दिया तो सिक्ख के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह की जन्मस्थली होने का गौरव भी बिहार को प्राप्त है। सूफी संत यहया मनेरी की पावन भूमि भी रही है।
दुनिया में बिहार की पहचान न सिर्फ धर्म बल्कि ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में भी प्रसिद्ध है। यहाँ आर्यभट्ट जैसे महान गणितज्ञ पैदा हुए हैं। यहाँ विश्व प्रसिद्ध नालंदा व विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना की गई जहाँ हजारों की संख्या में विद्यार्थियों ने ज्ञान प्राप्त किया। दुनिया को लोकतंत्र का संदेश देने का श्रेय बिहार को प्रात है जहाँ वैशाली में गणतंत्र की नींव डाली गई।
भारतीय इतिहास से जुड़े प्रमुख हस्तियों में चंद्रगुप्त मौर्य, समुद्र गुप्त, विक्रमादित्य अशोक बिंदुसार, बिम्बिसार जैसे नाम शामिल हैं जिनका संबंध बिहार की धरती से रहा है।
नंद वंश के धनानंद ने जब चाणक्य का अपमान किया तो उन्होंने अपनी बुद्धि कौशल से न केवल नंद वंश का अंत किया बल्कि उसकी जगह पर एक ऐसे वंश की स्थापना की जिसमें चन्द्रगुप्त मौर्य व सम्राट अशोक जैसे महान शासक हुए। रणनीति और कुटनीति में अपना लोहा मनवाने वाले चाणक्य का लिखा “अर्थशास्त्र ” आज भी एक महत्वपूर्ण किताब है। चाणक्य को कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है।
मुगल शासक बाबर ने हिंदुस्तान में मुगलिया शासन की नींव रखी परंतु उनके बेटे हुमायूं को बिहार के शेरशाह ने चौसा के युद्ध में पराजित किया।शेरशाह सूरी ने जनहित के कई कार्यों के साथ ही प्रसिद्ध ग्रैंड ट्रंक रोड बनवाया।
बारी अंग्रेजों से संघर्ष की आई तो भला फिर बिहार कैसे पीछे रह सकता था । वीर कुंवर सिंह, पीर मुहम्मद मुनिस, रास बिहारी, मौलाना मजहरुल हक, बैकुंठ शुक्ल जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को कौन भूल सकता है।
अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जब दक्षिण अफ्रीका से लौटे तो उन्होंने अपने सत्याग्रह की शुरुआत बिहार के चंपारण से किया। भारतीय संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसम्बर 1946 को आयोजित हुई तो उसके अस्थायी अध्यक्ष बिहार के सच्चिदानंद सिंहा को बनाया गया!
गांधी जी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाले सादगी की प्रतिमूर्ति राजेंद्र प्रसाद देश के पहले राष्ट्रपति बने जिनका संबंध बिहार के जीरादेई से है।
देश में जब आपातकाल घोषित कर जब लोकतंत्र को धक्का पहूंचाने की कोशिश की गई तो बिहार की धरती पर जय प्रकाश नारायण ने सम्पूर्ण क्रांति का नारा देकर छात्र आंदोलन का शंखनाद किया।
1 अप्रेल 1912 को ब्रिटिश शासन ने बिहार को बंगाल प्रसिडेंसी से अलग राज्य के रूप में चिन्हित किया। 22 मार्च 1936 में बिहार और उड़ीसा का विभाजन हुआ, पुनः 15 नवंबर 2000 में बिहार को विभाजित कर झारखंड बनाया गया।
वर्तमान में बिहार इस प्रकार से है कि बिहार के उत्तर में नेपाल, दक्षिण में झारखंड, पूरब में पश्चिम बंगाल और पश्चिम में उत्तर प्रदेश है। बिहार का क्षेत्रफल लगभग 94163 वर्ग किलोमीटर है तथा वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या 103,804,637 है। राज्य में कुल 38जिले हैं और पटना बिहार की राजधानी है। यहाँ की मुख्य भाषा हिंदी, द्वितीय राजभाषा उर्दू है।
बिहार के पटना में एशिया का सबसे बड़ा पुल गांधी सेतु अवस्थित है तो एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला सोनपुर (बिहार) में लगता है। बिहार के मुजफ्फरपुर की लीची, हाजीपुर का केला, सिलाव का खाजा प्रसिद्ध है। बिहार का प्रसिद्ध व्यंजन लिट्टी चोखा है। सिल्क सीटी आफ बिहार कहे जाने वाले भागलपुर, रेशमी कपड़े बनाने के लिए मशहुर है।
वर्तमान भारतीय राजनीति में बिहार अपनी अलग ही पहचान रखता है।यहाँ लोकसभा की 40और राज्यसभा की 16सीटें हैं वहीं विधानसभा की 243 और विधान परिषद की 75सीटें हैं।
देश की पहली महिला लोकसभा अध्यक्षा बनने का श्रेय बिहार की मीरा कुमार को जाता है। बिहारी प्रतिभा ने देश दुनिया में अपनी काबिलियत से कई कीर्तिमान स्थापित किये है। प्रत्येक वर्ष 22मार्च को बिहार दिवस का आयोजन कर बिहारवासी जहाँ अपने गौरवमयी अतीत को याद करता है वहीं विकास और समृद्धि की ऊँचाईयों को छूने का संकल्प भी लेता है।
–मंजर आलम, बिहार
(लेखक विभिन्न सामाजिक और राजनैतिक मुद्दों पर लिखते रहते हैं, विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में इनके लेख आते हैं)