कोरोना संक्रमण की अफवाहों और तबलीगी जमात के साथ मुसलमानों के खिलाफ मीडिया के दुष्प्रचार के बीच राजस्थान में एक नया मामला सामने आया है.
मध्यप्रदेश की सीमा से लगे बारां जिले के रामगढ़ गाँव में एक भीड़ ने दो मुस्लिम युवकों पर जानलेवा हमला कर दिया.
पिछली 8 अप्रैल को आबिद अली(62) और मुमताज़(45) अपने किसी काम के लिए अपने कस्बे मांगरोल से पास के गाँव रामगढ़ गए थे. और वहां इन दोनों लोगों पर 18 लोगों की एक भीड़ ने जानलेवा हमला कर दिया.
आबिद अली ने हमें बताया कि जब वें और मुमताज़ अपने काम में व्यस्त थे तब इन्होने देखा कि रामगढ़ पंचायत की सरपंच का पति हेमराज राठोर, 15 से 18 लोगों के साथ इनके पास आए.
इन लोगों में कुछ किशोर लड़के भी शामिल थे और पुलिस का एक कॉन्सटेबल भी. देखते ही देखते इन लोगों ने आबिद अली पर ये कहते हुए लाठियां बरसाना शुरू कर दी कि ये मुसलमान है और कोरोना फ़ैलाने के लिए यहाँ आया है. लाठियों के लगातार हमले के बावजूद आबिद अली और मुमताज़ ने कोई जवाबी कार्यवाही नहीं की. ये अपना बचाव करते रहे इसके बावजूद आबिद अली को पैर और हाथ पर गंभीर चौटें आई.
इस घटना के बाद आबिद अली ने हमें बताया कि उन्हें और उनके साथी मुमताज़ को ये लोग रामगढ़ कोतवाली ले गए. जहाँ ये इनके खिलाफ केस दर्ज करवाना चाहते थे. लेकिन आबिद अली बताते हैं कि वहां मौजूद सब इंस्पेक्टर ने इन लोगों को एक बुजुर्ग व्यक्ति पर हमला करने के लिए फटकारा.
हालाँकि इसके बाद भी आबिद अली की मोटरबाइक को कोतवाली में जब्त रखा गया और तकरीबन 8 दिनों के बाद उन्हें अपनी बाइक लेने की इजाज़त मिली.
इस मामले में पुलिस का पक्ष जानने के लिए हमने रामगढ़ चोकी के इंचार्ज को फोन किया। जब हमारी बात रामगढ़ पुलिस चौकी इंचार्ज, सब इंस्पेक्टर राधा किशन से हुई तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस घटना की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने अपने क्षेत्र में इस तरह की किसी घटना और उसकी संभावना को भी नकारा।
इस पूरी घटना के बाद कुछ सवाल हमारे सामने उभर कर आते हैं-
रामगढ़, मांगरोल से