पिछले माह उर्दू शिक्षक संघ के अध्यक्ष आमीन कायमखानी के नेतृत्व मे उपचुनाव वाली सुजानगढ़ विधानसभा क्षेत्र के इर्द गिर्द शेखावाटी जनपद मे धड़ाधड़ करीब पेंतालिस सभाऐ करने के बाद सुजानगढ़ कस्बे मे आम सम्मेलन करके वक्ताओं ने सरकार को खुली चेतावनी देकर चेताया था कि उनकी मांगे सरकार नही मानती है तो वो उपचुनाव मे कांग्रेस उम्मीदवारों को हराने के लिये काम करेंगे।
उक्त सम्मेलन मे दी गई चेतावनी के बाद कांग्रेस नेताओं की चेहरे पर चिंता की लकीर साफ देखे जाने का परिणाम यह निकला की आज विधानसभा मे बजट बहस पर रिप्लाई देते हुये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनकी अधिकमत मांगो के पक्ष मे घोषणा करते हुये सकारात्मक रुख दिखाया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा मे आज बजट बहस पर रिप्लाई देते हुये कहा कि कक्षा छठी व उससे उच्च कक्षाओं में 10 से अधिक विद्यार्थी होने पर उर्दू शिक्षक की पूर्वत व्यवस्था जारी रखते हुए उर्दू शिक्षकों के सृजित 444 पदों को बढ़ा कर 1000 किया जावेगा।
जिन क्षेत्रों में प्राथमिक स्तर तक 20 छात्र – छात्राए उर्दू में शिक्षा प्राप्त करने हेतु नामांकित होंगे वहां प्राथमिक विद्यालयों में उर्दू अध्यापक का पद सृजित किया जाएगा। राज्य स्तर पर शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत उर्दू शिक्षण प्रकोष्ठ की स्थापना की जावेगी।
मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री मदरसा आधुनिकरण योजना के अंतर्गत 25 करोड़ रुपये से मदरसों की आधारभूत सरंचना का विकास, कंप्यूटराइजेशन, Furniture व अन्य सुविधाओं का विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण करने की घोषणा। मदरसा पैराटीचर्स के मानदेय में आगामी 1 अप्रेल से 10 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा।
उक्त मांगो को लेकर सरकार पर दवाब बनाने के लिये लगातार आंदोलन करके मांगो के पक्ष मे घोषणा करवाने मे कामयाब रहे राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के अध्यक्ष आमीन कायमखानी व मदरसा पैराटीचर्स संघ के अध्यक्ष सैयद मसूद अख्तर के अलावा उर्दू शिक्षक शमशेर भालू खान ने चूरु से उदयपुर तक की पदयात्रा करके सरकार पर दवाब बनाया था।
वही उर्दू शिक्षक संघ व मदरसा पैराटीचर्स संघ ने सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर जयपुर मे हाड कंपा देने वाली ठंड मे धरना व कलेक्ट्रेट से मुख्यमंत्री आवास तक रैली निकाल कर दवाब बनाया था।
कुल मिलाकर यह है कि 17-अप्रेल को राजस्थान मे होने वाले तीन विधानसभा उपचुनाव मे कांग्रेस उर्दू शिक्षक संघ व मदरसा पैराटीचर्स संघ का कांग्रेस हराने के ऐहलान के चलते किसी तरह की रिस्क लेना नही चाहती थी।
उपचुनाव के चलते उक्त संगठनों का दवाब काम मे आया माना जा रहा है। कुछ राजनीति के जानकार राजस्थान मे सांसद असदुद्दीन आवेसी की एआईएमआईएम के आने की दस्तक से भी कांग्रेस से मुस्लिम मतदाताओं के छिटकने की सम्भावना से जोड़कर भी देख रहे है।
– अशफ़ाक कायमखानी