पिछले कई सालों से देश में मीडिया की हालत दयनीय है! मीडिया का अपना एगेंडा है जिसे वो हर रोज़ नए-नए तरीक़ों से अपना एजेंडा जनता में बहाता रहता है!
पत्रकार और लेखक तथा हाल ही में रमोन मेगससाय अवार्ड से सम्मानित रवीश कुमार ने मीडिया को गोदी मीडिया की संज्ञा दी है!
हाल ही में जब अयोध्या विवाद पर सप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आया और उससे पहले भी मीडिया की सांप्रदायिक सोच इस संवेदनशील मुद्दे पर उजागर होती रही है!
अर्नब गोस्वामी और बाबा रामदेव की इस तस्वीर पर रवीश कुमार ने व्यंग करते हुए ये कविता लिखी है!
मीडिया का गोदी क्षण- छंद कहे कुमार
बाबा की गोद में रिपब्लिक देख हतप्रभ हुए श्री राम
ध्वस्त मर्यादाओं को मैं कैसे देखूँ अपलक अभिराम
लक्ष्मण ने चुप्पी साधी, सीता ने देखा नील गगन में
इस धरा पर चमचे होंगे, ऐसा कब सोचा था वन में
पत्रकारिता का धर्म है, कुछ दिखा इनके आचरण में
प्रश्न पूछ कर इस जोड़े से ख़ामोश हो गए श्री राम
– कवि श्री रवीश कुमार