आर्यसमाजी संत स्वामी अग्निवेश पर भीड़ का सुनियोजित हमला,आखिर कब जागेगी सरकार?

स्वामी अग्निवेश पर जानलेवा हमला निंदनीय-सवाई सिंह

फोरम फोर डेमोक्रेसी एण्ड कम्यूनल एमिटी (एफ़डीसीए) के प्रदेशाध्यक्ष सवाई सिंह ने सुप्रसिद्ध आर्यसमाज नेता, सामाजिक कार्यकत्ता एवं संत स्वामी अग्निवेश पर झारखंड के पाकुड़ में हुए जानलेवा हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि स्वामी अग्निवेश बन्धुआ मज़दूरी के विरुद्ध आन्दोलन करने वाले तथा सामाजिक कुरीतियों, अन्धविश्वास एवं पाखण्ड के विरुद्ध आवाज़ उठाने वाले गिने चुने लोगों में से हैं। उन्होंने कहा कि देश की जनता को धर्म के नाम पर लूटने और जनता की भावनाओं को वोटों के रूप में भुनाने वालों ने ही उनपर यह हमला किया है। उन्होंने कहा कि हमलावरों को सरकार, पुलिस एवं प्रशासन का वरद हस्थ प्राप्त है, यही कारण है कि स्वामी जी द्वारा पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों से सीधा सम्पर्क करने के बाद भी होटल पर कोई पुलिस ज़ाब्ता नहीं लगाया गया। जबकि स्वामी अग्निवेश के ठहरने के स्थान पर प्रदर्शन की पूर्व जानकारी होने के बाद सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए थी।
उन्होंने हमले के दोषियों को तुरन्त गिरफ़्तार कर उनके विरुद्ध हत्या के प्रयास तथा सामूहिक षड्यंत्र का मुक़द्दमा दर्ज करने तथा उन्हें कड़ी सज़ा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में स्थानीय प्रशासन की ओर से भी कत्र्तव्य में लापरवाही स्पष्ट दिखई देती है अतः इसकी जाँच कर दोषी अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जानी चाहिए।
 स्वामी अग्निवेश पर हमला क़ानून एवं व्यवस्था की विफलता-एपीसीआर

एसोसिएशन फोर प्रोटेक्शन आॅफ सिविल राइट्स (एपीसीआर) के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट पैकर फ़ारूक़ ने प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकत्ता झारखंड के पाकुड़ में स्वामी अग्निवेश पर हुए जानलेवा हमले को क़ानून एवं व्यवस्था की विफलता बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है जैसे देश में क़ानून एवं व्यवस्था समाप्त हो गई है और ग़ुण्डों का राज चल रहा है। उन्होंने हमले के दोषियों को तुरन्त गिरफ़्तार कर उनके विरुद्ध हत्या के प्रयास तथा सामूहिक षड्यंत्र का मुक़द्दमा दर्ज करने तथा उन्हें कड़ी सज़ा देने की मांग की।
श्री पैकर फ़ारूक़ ने कहा कि इस मामले में स्थानीय प्रशासन ने भी लापरवाही की है। इसकी जाँच कर दोषी अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों से सीधा सम्पर्क करने के बाद भी होटल पर कोई पुलिस ज़ाब्ता नहीं लगाया गया। उन्होंने कहा कि पूर्व में ही उक्त होटल पर प्रदर्शन की जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा की व्यवस्था की जानी चाहिए थी अतः यह स्पष्ट है कि स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन की ओर से ग़ुण्डों को खुली शह मिली हुई थी।

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