
जयपुर। मानवाधिकारों को समर्पित संस्था पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज ने अजमेर के न्यायालय परिसर में वकीलों द्वारा सोमवार को बिजयनगर मामले के आरोपी पूर्व पार्षद हाकिम कुरैशी के साथ मारपीट की निंदा की है तथा प्रशासन से इस कृत्य के दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि वकीलों का काम न्याय दिलवाना है और उन्हें कानून अपने हाथ में लेने का की हक नहीं है। यह दुर्भाग्यजनक है कि अजमेर के न्यायालय परिसर में दिनोदिन ऐसी घटनाएं हो रही हैं और अपराधियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई है। पुलिस की उपस्थिति में हो रही इन घटनाओं के पर्याप्त सबूत होने के बावजूद भी दोषियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई न होने से अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि इस संबंध में 27 फरवरी को पीयूसीएल के प्रतिनिधि मंडल द्वारा जिला एवं सत्र न्यायाधीश से भेंट कर उन्हें ज्ञापन भी सौंपा था तथा अदालत परिसर को सुरक्षित बनाने की मांग की गई थी। पीयूसीएल का मानना है कि जिला प्रशासन को अदालत में मारपीट के दोषियों के विरुद्ध राजकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का मुकदमा दर्ज करना चाहिए तथा अपराधियों को गिरफ्त में लेना चाहिए।
पीयूसीएल ने विधानसभाध्यक्ष वासुदेव देवनानी के उन बयानों पर भी आश्चर्य प्रकट किया है,जिसमें उन्होंने बिजयनगर मामले की जांच के लिए एस आई टी के गठन तथा आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाने की बात कही हैं। पीयूसीएल ने कहा है कि देवनानी के इस बयान का अर्थ यह निकलता है कि
उन्हें राज्य सरकार की पुलिस व्यवस्था पर विश्वास नहीं है।आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने की कारवाइयों को सर्वोच्च न्यायालय पहले ही गलत ठहरा चुका है।ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष जैसे संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति का कानून विरुद्ध कार्रवाई करने का आग्रह अमर्यादित आचरण है।
पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष भंवर मेघवंशी ने स्पष्ट किया है कि बिजयनगर में पीड़ित बच्चियों को न्याय मिलना चाहिए तथा दोषियों को शीघ्र दंडित किया जाना चाहिए। न्याय तथा दंड कानूनी व्यवस्थाओं के दायरे में होना चाहिए तथा लोगों की भावनाएं भड़का कर सौहार्द नष्ट करने वाले तत्वों पर भी रोक लगानी चाहिए।