सुमित भगासरा : राजस्थान युवा कांग्रेस को मिला नया सेनापति, राहुल गांधी के माने जाते हैं करीबी


आखिरकार राजस्थान युवा कांग्रेस को 7 साल बाद अपना नया अध्यक्ष मिल ही गया. सुमित भगासरा नए प्रदेशाध्यक्ष होंगे। भगासरा को वोटों की गिनती के बाद सबसे ज्यादा 46,304 वोट मिले। हालांकि, प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए सारी औपचारिकताओं के बाद आधिकारिक घोषणा 9 मार्च को होगी।

भगासरा के अलावा प्रदेशाध्यक्ष की दौड़ में दूसरे नंबर पर लाडनूं के वर्तमान विधायक मुकेश भाकर रहे जिन्हें 23,349 वोट मिले वहीं तीसरे नंबर पर अमरदीन फकीर रहे जो 16,720 वोट हासिल करने में कामयाब रहे। मालूम हो कि युवा कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष खेल मंत्री अशोक चांदना हैं जो इस पद पर पिछले 7 साल से बने हुए थे।

राजस्थान यूनिवर्सिटी में छात्रनेता के रूप में बनाई पहचान

झुंझुन के लांबा गोठड़ा गांव से आने वाले सुमित भगासरा का राजनीतिक करियर राजस्थान यूनिवर्सिटी से एक छात्रनेता के तौर पर शुरू हुआ। राजस्थान यूनिवर्सिटी के राजस्थान कॉलेज से पढ़ाई की शुरूआत करने के बाद भगासरा ने 2009 में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर की डिग्री हासिल की।

वहीं भगासरा ने दिल्ली से पत्रकारिता की पढ़ाई करने के साथ ही यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से साल 2017 में सोशल डवलपमेंट में डिग्री भी हासिल की है। भगासरा एनसीसी में कैडेट अंडर सीनियर ऑफिसर रहे हैं। इसके अलावा डबल ट्रैप शॉटगन शूटिंग में भगासरा नेशनल लेवल पर ब्रांज मेडल विजेता रह चुके हैं।

सबसे कम उम्र में युवा NSUI प्रदेशाध्यक्ष से युवा कांग्रेस के शीर्ष पर

2010 में राजस्थान यूनिवर्सिटी अध्यक्ष पद पर चुनाव ना लड़ पाने के बाद साल 2011 में 21 साल में सबसे कम उम्र के एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष पद चुने गए। अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी से सर्वश्रेष्ठ अध्यक्ष का अवार्ड दिया गया।

कार्यकर्ताओं से सीधा जुड़ाव और सोशल मीडिया पर मजबूत पकड़

राजस्थान की युवा राजनीति के समीकरण समझाते हुए रिसर्च स्कॉलर महेश चौधरी का मानना है कि सुमित भगासरा की जीत का कारण मुख्य कारण कार्यकर्ताओं से सीधा जुड़ाव रहा है। वहीं मेंबरशिप के मामले में भी भगासरा ने एक कदम आगे रखा।

अपनी बात में आगे जोड़ते हुए चौधरी कहते हैं कि सुमित की राजनीति राजस्थान यूनिवर्सिटी के समय से ही युवा मुद्दों पर केंद्रित रही है। इसके अलावा भगासरा ने शुरू से ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी से नजदीकियां बना कर रखी है।

वहीं मुकेश भाकर के कड़ी टक्कर देने के मामले में चौधरी कहते हैं कि वर्तमान में लाडनूं विधायक पद पर होना ही कहीं ना कहीं कार्यकर्ताओं को एकजुट नहीं कर पाया।

वहीं हम जानते हैं युवा कांग्रेस का चुनाव आंतरिक कार्यकर्ता प्रणाली (मेंबरशिप) से होता है ऐसे में सुमित भगासरा का सोशल मीडिया कैंपेन भी कार्यकर्ताओं को जोड़ने और जीत की भूमिका लिखने में अहम दावेदार रहा।

राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं भगासरा

सुमित भगासरा को राजनीति हल्कों में हमेशा से राहुल गांधी के करीबी माना जाता रहा है। राजस्थान में कांग्रेस कार्यकारिणी के कार्यक्रमों में भगासरा की मंच पर उपस्थिति राहुल गांधी एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के नेताओं के साथ हमेशा रही है।

युवा कांग्रेस चुनाव में पहली बार ऑनलाइन वोटिंग

कांग्रेस के युवा कांग्रेस संगठन के इतिहास में पहली बार वोट ऑनलाइन ऐप के जरिए हुआ। प्रदेश के 4 लाख 10 हजार मतदाताओं ने ऐप के जरिए अपने पसंदीदा प्रत्याशी चुना जिसके लिए एक मतदाता के पास 5 वोट थे।

– अवधेश पारीक

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