7 दिनों से ज़्यादा बीत चुके हैं.
इस मालवाहक विमान ने सोमवार दोपहर 12.27 पर असम के जोरहाट से उड़ान भरी थी और 1 बजे उसका संपर्क टूट गया था. उसमें कुल 13 कर्मी सवार थे.
इसरो की मदद से जोरहाट और अरुणाचल प्रदेश के मेचुका के बीच विमान को तलाश रही है. यह तलाश उम्मीद और आक्रोश के बीच झूल रही है.
पहले पहले उम्मीद की बात करते हैं.
अभी तक की खोज में विमानों की 100 घंटे की उड़ान पूरी हो चुकी है लेकिन लापता हुए परिवहन विमान का कोई सुराग नहीं मिला है.
सबके सवाल यह है कि आख़िर में सात दिन बीत जाने के बाद भी भारतीय सेना का यह विमान खोजा क्यूँ नहीं गया!
सरकार इस मामले में पूरी तरह फैल नज़र आ रही हैं
राष्ट्रवाद के नाम पर सत्ता में आयी मोदी सरकार लापता विमान को खोजने में तत्पर नज़र नहीं आ राही!
लापता विमान को लेकर ब देश में एक अलग बेचैनी है सवाल मीडिया पर भी उठाए जा रहे हैं जिस ने लापता विमान का मज़ाक बनाकर रख दिया!
एक न्यूज़ चैनल ने तो यहाँ तक कह दिया कि विमान को एलियन ले गए हैं इसके अलावा किसी भी राष्ट्रीय चैनल पर इस ख़बर को महत्व नहीं दिया गया!
ऐसा लगा जैसे सभी चैनल इसे दबाना चाहते हैं सवाल यह भी उठता है कि क्या चुनाव के बाद सरकार राष्ट्रवाद देश की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सिर्फ़ वोट लेने तक ही सीमित है!
सोशल मीडिया पर लोग इस बारे में अलग अलग तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं एक यूज़र का कहना है कि चुनाव के बाद सभी चौकीदार छुट्टी पर चले गए इसलिए विमान खोजा नहीं जा रहा!