देश के कई केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में मार्च के महीने से प्रवेश परीक्षाओं के लिए आवेदन शुरू हो चुके हैं। चिंताजनक बात यह है जेएनयू प्रशासन द्वारा अपनी प्रवेश परीक्षाओं के लिए जो तारीख़ें घोषित की गई हैं, बिल्कुल उन्हीं तारीख़ों में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय भी अपने कई विभागों में प्रवेश परीक्षा की तिथियाँ घोषित कर चुका है।
जेएनयू की प्रवेश परीक्षाओं की तारीख़ 27 से 30 मई 2019 रखी गई है और इन्हीं तारीख़ों में एएमयू अपने फिलोसॉफी, एजुकेशन, इतिहास, राजनीतिक शास्त्र, साइकोलोजी, इस्लामिक स्टडीज़, वीमेन स्टडीज़ के मास्टर कोर्स और बी एड के लिए तारीख़ें घोषित कर चुका था
इस सन्दर्भ में एस आई ओ ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष लबीद आलिया ने राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर इस समस्या का संज्ञान लेने का अनुरोध किया है, और इसी तरह एएमयू छात्रसंघ के कैबिनेट सदस्य फिरदौस अहमद बरबुहिया ने एचआरडी मिनिस्टर श्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर इस समस्या की तरफ़ उनका ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की है।
लबीद आलिया ने लिखा कि दोनों यूनिवर्सिटीज़ की प्रवेश परीक्षा एक ही तारीख़ों में होने के कारण जो विद्यार्थी दोनों जगह आवेदन करेंगे उनके लिए गंभीर समस्या हो सकती है। चूँकि भारत का संविधान सभी तक शिक्षा की पहुँच को नागरिकों के मूलभूत अधिकार के रूप में स्वीकार करता है, इसलिए दोनों विश्वविद्यालयों के प्रशासन को इस समस्या का जल्द से जल्द हल निकालना चाहिए।
जबकि एएमयू छात्रसंघ के कैबिनेट सदस्य फिरदौस अहमद ने लिखा की एएमयू अपनी प्रवेश परीक्षाओं की तारीख़ें एक महीना पहले घोषित कर चुका था तो ऐसे में जेएनयू को उन तारीख़ों को देखते हुए अपनी प्रवेश परीक्षाएं अलग तारीख़ों में रखनी चाहिए थीं। इस सिलसिले में उन्होंने MHRD मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर से मध्यस्थ की भूमिका निभाकर इस समस्या को हल करने के लिए आग्रह किया है.