नेताजी ने जिस सभापति के हाथ से छीन लिया था माइक, टिकिट बचाने की ख़ातिर उसी के दर पर लगानी पड़ गई हाजिरी

— अशफाक कायमखानी
सीकर
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष व दो दफा कांग्रेस टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ चुके दस साल तक सभापति रहे मोहम्मद हनीफ खत्री को सियासी तौर पर नेस्तानाबूद  करने का प्रण लेने वाले नेताजी अचानक कल उनके घर पहुंचे तो पूर्व सभापति ने घर आये अतिथि का आदर व सम्मान अपनी इंसानी उसूलो के तहत करके एक दफा फिर मेहमान की सभी करतूतो को बूलाकर इंसानियत को ज़िंदा करके सभी को इंसानियत का खुला संदेश दिया है।

सियासत मे पार्षद की टिकट काटकर व जिला कलेक्ट्रेट के सामने एक सभा मे भाषण देने से बलपूर्वक पूर्व सभापति को रोक कर उनकी सियासत को राख करने की ओर बढते नेताजी को अचानक क्या जरुरत आ पड़ी कि नेताजी को पूर्व सभापति के घर जाकर कदमो मे पहुंचना पड़ा। इसकी असलियत तो नेताजी व पूर्व सभापति अच्छी तरह बता सकते है। लेकिन कल के बाद सीकर की जनता के मध्य अनेक तरह के सवालो पर बहस जरुर होने लगी है।
जनचर्चा अनुसार नेताजी की टिकट पर खतरे के बादल मंडराने के चलते वो इन दिनो मुस्लिम बस्तियों व मुस्लिम नेताओं के यहां आकर पार्टी हाईकमान को दर्शाना चाहते है कि उनसे मुस्लिम नाराजगी अब खत्म हो रही है। जबकि विभिन्न स्तर पर अलग अलग पांच स्तरीय हुये सर्वे की रिपोर्ट नेताजी को मिलने वाली टिकट के रास्तै मे कांटे बिछा रही है। दूसरी तरफ मुस्लिम बस्तियों मे सम्पर्क करते हुये हरदम वोही पांच छ चेहरे फोटो मे नजर आने से हाईकमान के कान खड़े होते नजर आ रहे है। दूसरी तरफ कूदरत का खेल निराले की झलक देखने को मिल रही है कि पूर्व सभापति मोहम्मद हनीफ खत्री के सम्बोधन के समय हाथ से माइक छीन कर उन्हे बलपूर्वक नही बोलने देने वाले नेताजी आज उन्हीं हनीफ खत्री को अपने हाथ से माईक देकर सम्बोधन करने की गुजारिश कर रहे है। 2013 के विधानसभा चुनावों मे तत्तकालीन नगर परिषद चेयरमेन हनीफ खत्री ने सीकर से कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र पारीक को जिताने के लिये दिन रात एक करने के बावजूद वो पारीक की शिकस्त को रोक नही पाये थे।

कुल मिलाकर यह है कि आने वाले समय मे सियासत के अनेक तरह के रुप नजर आयेगे। टिकट मिलने से लेकर चुनाव लड़ने के अलावा चुनाव परिणाम के बाद पूरी तरह अलग रुप देखने को मिलेगे। हां सियासत का एक यह भी उसूल देखा गया कि पता ही नही चल पाता है कि कब दोस्त दुश्मन नजर आये ओर कब दुश्मन दोस्त नजर आये। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की 25-अक्टूबर को सीकर मे आयोजित होने वाली सभा के पहले नेताजी मुस्लिम नाराजगी का धब्बा मिटाकर अपनी टिकट को पक्का करना चाहते है। जबकि नेताजी के अलावा टिकट के अनेक दावेदार अपनी अलग चाले चल रहे बताते है।

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