23 अप्रेल से 30 अप्रेल तक पूरे प्रदेश में मनाए जा रहे सड़क सुरक्षा सप्ताह में आमजन को परेशान करने का पूरा बंदोबस्त किया गया है। राजधानी जयपुर में ही जिन लोगों के भी चालान काटे जा रहें हैं उन्हें ये नही बताया जा रहा है कि चालान कंहा जमा होंगे। आमजन को पहले अजमेरी गेट स्थित ट्रेफिक पुलिस मुख्यालय यादगार जाना पड़ता है वंहा बैठे हुए पुलिस कर्मियों द्वारा झिड़क कर ये कहते हुए भगा दिया जाता है कि पहले इस चालान पर मोहर (सील) लगवा कर लाओ, उसके लिए इस भरी दोपहरी में बेचारे आम नागरिक को अम्बाबाड़ी सर्किल जाना पड़ता है वंहा स्थित सामुदायिक भवन में 2 घंटे के काउंसलिंग सेशन के बाद फिर से अजमेरी गेट स्थित ट्रैफिक पुलिस मुख्यालय यादगार भेज दिया जाता है। काउंसलिंग सेशन और चालान को जमा करने प्रक्रिया एक ही जगह पर भी की जा सकती है, लेकिन ट्रैफिक पुलिस प्रशासन की अव्यवस्थाओं की वजह से आमजन को परेशान होना पड़ रहा है जिसकी कोई सुनवाई करने वाला भी नहीं है। काउंसलिंग सेंटर पर किसी तरह के फीडबैक की भी कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसा लगता है सड़क सुरक्षा के नाम पर बस खानापूर्ति ही की जा रही है।
‘जीवन अनमोल है’ थीम पर आयोजित 29वां सड़क सुरक्षा सप्ताह का उद्देश्य लोगों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना है लेकिन ऐसी अव्यवस्थाओं और पुलिसकर्मियों के बुरे व्यवहार से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।