मधु किश्वर: संघ की एक और जहर बुझी औरत
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कठुआ गैंगरेप के बाद मधु किश्वर ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर ट्वीट किया था, ‘हो सकता है कि आरोपियों के परिवार को बलि का बकरा बनाया जा रहा हो। किश्वर मुझे शक है कि आसिफा की हत्या उन जेहादी रोहिंग्या ने की हो जिन्हें पीडीपी ने जम्मू रीजन में बसाया है। चूंकि रोहिंग्या को जम्मू रीजन में बसाए जाने से जम्मू के हिंदू नाराज हैं, इसलिए महबूबा ने इस हत्या को जवाबी रणनीति के तौर पर इस्तेमाल किया हो।’
प्रशांत भूषण ने दिल्ली के तिलक मार्ग थाने में मधु किश्वर के खिलाफ इस ट्वीट को हिंसा फैलाने वाला बताते हुए आईपीसी की धारा 153 ए, 295 ए और 505 के तहत आपराधिक शिकायत दर्ज करवाई है। प्रशांत भूषण ने शिकायत दर्ज कराते हुए कहा है कि मधु किश्वर आदतन फेक न्यूज फैलाती हैं जिससे सांप्रदायिक घृणा और हिंसा फैलने का खतरा रहता है। वे सोचती हैं कि उनकी इन हरकतों को कई नहीं पकड़ पाएगा, लेकिन अब समय आ गया है कि उन्हें रोका जाए।”
प्रशांत भूषण द्वारा दर्ज मामले के जवाब में मधु किश्वर ने ट्वीट किया है, भारत में अवैध घुसपैठियों यानी रोहिंग्या जोकि भारत में आईएसआई द्वारा प्रायोजित आतंकवाद हमलावर हैं, उनके खिलाफ अगर कोई “पाकिस्तान मुरादाबाद” के नारे लगाएगा तो अगला मामला आप उनके खिलाफ दर्ज कराएंगे कि वे देशद्रोही हैं।
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक प्रशांत भूषण ने कहा, “मैंने यह शिकायक इसलिए दर्ज कराई क्योंकि वे लगातार इस तरह के झूठे, सांप्रदायिक, घृणापूर्ण और हिंसा भड़काने वाले ट्वीट करती रही हैं, जबकि ऐसी हरकतें अपराध के तहत आती हैं। अगर कोई प्रधानमंत्री मोदी का कार्टून बना ले तो पुलिस आनन-फानन में कार्रवाई कर लेती है, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में हिचकिचाती है जो सांप्रदायिक नफरत और हिंसा भड़काने का काम करते हैं।’
प्रशांत भूषण के मुताबिक मधु किश्वर का ट्वीट देशद्रोह की श्रेणी में आता है। बहुत से ऐसे लोग हैं जो इस किस्म के ट्वीट करते हैं, लेकिन हमें रिंग लीडर को ही पकड़ना चाहिए। मधु किश्वर ऐसे लोगों की रिंग लीडर हैं जो सांप्रदायिक अपराध करते हैं।
गौरतलब है कि मधु किश्वर ने तब भी विवादास्पद बयान दिया था, जब पिछले साल बलात्कार विरोधी क़ानून को और ज्यादा कड़ा किए जाने की मांग लगातार उठाई जा रही थी। तब मधु किश्वर ने महिला विरोधी बयान देते हुए बलात्कारियों का एक तरह से बचाव करते हुए कहा था कि क़ानून की परिभाषा इस मामले में ऐसी है कि अगर कोई आदमी किसी औरत के कान में उंगली डाले तो उसे भी बलात्कार माना जा सकता है।’
इतना ही नहीं मधु किश्वर ने कहा था कि वर्ष 2013 में कड़ा किए जाने के बाद से भारत के बलात्कार विरोधी क़ानून का इस्तेमाल निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए किया जा रहा है। इसमें से कई प्रावधान हटा दिए जाने चाहिए।