दलित बहुजन समाज द्वारा 2 अप्रेल को किए गए भारत बंद का असर देश को कुछ इस तरह प्रभावित कर गया कि ये आग अब भी बुझने का नाम नही ले रही है।
ये बात पूर्णत सही है कि न्याय समानता और अपने हक की लड़ाई के लिए होने वाले आंदोलन लोकतंत्र को मज़बूती प्रदान करते हैं लेकिन जब ये आंदोलन आरजकता के रूप में परिवर्तित हो जाएं तो नुकसान सिर्फ बेक़सूर लोग झेलते हैं ओर प्रजा का ये तंत्र टूट का बिखर सा जाता है।
राजस्थान के करोली जिले में हिंडौन सिटी के हालात आज सुबह ही से बद से बदतर हुए जा रहे हैं। कर्फ्यू के बाद स्थिति कुछ काबू में आने लगी है लेकिन जो कुछ इस शहर ने आज सहा है उसकी काहानी बहुत गम्भीर दिखाई देती है।
कहा जा रहा है कि एसटी एससी एक्ट के वुरुद्ध दलितों के बन्द से हुए नुकासन को वजह बताकर जनरल कैटेगरी के लोगो ने ज्ञापन सौंपने की योजना बनाई थी,बड़ी संख्या में इकट्ठा हुई भीड़ बेकाबू हो गयी और शहर तहस नहस हो गया,पूर्व मंत्री भरोसी लाल जाटव सहित पूर्व विधायक के घरों को आग लगा दी गयी दलित छात्रावास में तोड़ फोड़ की गई वहीं रेलवे स्टेशन की दशा को भी इस भीड़ ने कुछ ही पलों में बदल कर रख दिया। कई पुलिसकर्मियों को गम्भीर चोट आई हैं साथ ही कई अन्य लोगों के घायल होने की भी खबर है।
ये अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि बन्द के बाद फिरसे बनाई गई इस भीड़ के पीछे एक सुनियोजित पटकथा है और कुछ संगठनों के नाम भी इस को पटकथा को लिखने के रूप में आरहे हैं।
जनमानस राजस्थान आप सभी पाठकों से निवेदन करता है कि फेक खबरों के इस दौर में सचेत रहें और देश कि एकता को माहौल बनाए रखने में अपनी भागीदारी भरपूर मात्रा में निभाएं।