जयपुर । राजस्थान मुस्लिम फ़ोरम (आर एम एफ) ने बाबरी मस्जिद की शहादत की 32वीं बरसी पर आज एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया। यह सभा दोपहर 2:30 बजे जयपुर के मोती डूंगरी रोड स्थित मुस्लिम मुसाफिर खाना में आयोजित हुई। सभा में समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने भाग लेकर अपने विचार व्यक्त किए।
राजस्थान मुस्लिम फ़ोरम के प्रदेश महासचिव मोहम्मद नाज़िमुद्दीन ने सभा की अध्यक्षता करते हुए कहा कि, 6 दिसंबर 1992 को भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का एक काला दिन माना जाता है। हमारा मानना है कि बाबरी मस्जिद मामले में सर्वोच्च न्यायालय का फैसला जरूर आया है लेकिन न्याय नहीं हुआ है। जब तक बाबरी मस्जिद के साथ न्याय नहीं होगा हम इस फैसले के प्रति अपना विरोध प्रकट करते रहेंगे और न्याय की मांग जारी रखेंगे।
डॉक्टर शहाबुद्दीन ने कहा कि उस जगह पर बाबरी मस्जिद थी, है और हमेशा रहेगी। हम उसके इंसाफ की कोशिश करते रहेंगे और हमारे मरने के बाद हमारे बच्चे न्याय की कोशिश करेंगे।
एडवोकेट मुजाहिद नकवी ने कहा कि मंदिर मस्जिद के मुद्दों को उठाकर कुछ लोग फिर से देश का माहौल बिगाड़ना चाहते हैं, हम सबको उसको रोकने की कोशिश करनी है।
कार्यक्रम को नईम कुरैशी, साजिद सहराई, अब्दुल लतीफ आर्को, हाफ़िज़ मंज़ूर अली खान ने भी संबोधित किया।
सभा के दौरान सभी वक्ताओं ने शांति, सौहार्द और धर्मनिरपेक्षता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रार्थना सभाएं न केवल न्याय की मांग को आगे बढ़ाती हैं, बल्कि समाज में भाईचारे और सहिष्णुता के महत्व को भी रेखांकित करती हैं। यह प्रार्थना सभा केवल विरोध का माध्यम नहीं है, बल्कि समाज में शांति और समानता स्थापित करने का संदेश भी है। वक्ताओं ने निचली अदालतों द्वारा उपासना स्थल अधिनियम, 1991 के उल्लंघन पर भी नाराजगी का इज़हार किया।
कार्यक्रम में राजस्थान मुस्लिम फोरम के संयोजक शब्बीर कार्पेट, शौकत कुरैशी सहित शहर के बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और धर्मगुरुओं ने भाग लिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि धार्मिक आस्थाओं का सम्मान करते हुए भारत में न्याय और मानवाधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए।
सभा का आयोजन पूरी तरह शांतिपूर्ण और गरिमामय माहौल में हुआ। उपस्थित लोगों ने न्याय और धर्मनिरपेक्षता के आदर्शों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। राजस्थान मुस्लिम फ़ोरम ने इस अवसर पर समाज के सभी वर्गों से अपील की कि वे शांति और सद्भाव बनाए रखने में सहयोग करें और न्याय की इस लड़ाई में अपनी आवाज़ उठाएं। अंत में दुआ के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम में मंच संचालन वकार अहमद खान ने किया।