नैतिक मूल्यों के पतन को रोकने के लिए जयपुर में परिचर्चा का आयोजन

जयपुर। जमाअते इस्लामी हिन्द महिला विभाग की ओर से सितम्बर माह में राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत रविवार को पिंक सिटी प्रेस क्लब जयपुर में नैतिकता स्वतंत्रता का आधार के विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया।

परिचर्चा में रुबिना अबरार प्रदेश संयोजिका ने उदघाटन भाषण में कहा कि नैतिकता और आजादी दोनो अलग-अलग नहीं है। आजादी हर धर्म, नस्ल, रंग जाति के इंसान का बुनियादी हक है। लेकिन आजादी का मतलब बेलगाम आजादी नही है। आज़ादी नैतिकता के साथ जुडी हुई है। बगैर नैतिकता के आज़ादी कटी पतंग की तरह है जो तूफान में कहीं भी उड़ कर जा सकती है। आजादी तब तक सही आजादी है जब तक वो दूसरों की आजादी में रुकावट न बनें। आज वर्तमान समय में कई ताकतें युवा वर्ग को ऐसे नारे दे रही हैं जिससे युवाओं में कई मानसिक बीमारियों, तनाव, गुस्सा, नशे की आदतें पैदा हो रही है। नैतिक मूल्य एक प्रणाली है जो इंसानों को शान्ति से जिन्दगी गुजारने के लिए बनाई गई है।

इस परिचर्चा की मुख्य अतिथि शाइस्ता रफअत राष्ट्रीय सचिव महिला विभाग जमाअते इस्लामी हिंद ने कहा कि जरूरत है कि हम सब मिलकर ऐसा देश बनाए जहाँ महिलाओं को सम्मान मिले और जो लोग महिलाओं पर अत्याचार करते हैं उनका समाज से बाईकाट किया जाए। ऐसी सोच पैदा कि जाए कि समाज का जो ताना बाना हैं उसे बचाया जा सके। आज के कल्चर और बेलगाम आज़ादी ने इंसानियत की पहचान को खत्म कर दिया है। इस इंसानियत को बचाने की जरुरत है। उन्हानें कहा कि देश व समाज में जो समस्याएँ पैदा हो रही है उनको कैसे रोका जाए और हम वाहते है कि जमीनी सतह पर जा कर समस्याओं का सामना करके उनका निस्तारण किया जाए जिससे कि देश में ये समस्या पैदा ही ना हो सके।

परिचर्चा में डाक्टर आयशा कुरैशी साइकोलॉजिस्ट, डाक्टर हैनी शोजी असिसटेंट प्रोफेसर सेंट जेवियर कॉलेज, डाक्टर समरा सुल्ताना मेम्बर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, निशा सिद्धू राष्ट्रीय सचिव नेशनल फैडरेशन ऑफ इण्डिया वूमेन, डाक्टर मंजीत कौर मोटिवेशनल स्पीकर ने भी संबोधित किया। परिचचर्चा के अन्त में सुमय्या मरियम ने लोगों का धन्यवाद अर्पित किया।

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