टोंक। राजस्थान के टोंक शहर में प्रत्येक मंगलवार को मांसाहार की दुकानों को बंद करने के नगर परिषद के आदेश के ख़िलाफ़ टोंक शहर के लोगो ने नगर परिषद आयुक्त टोंक से मुलाक़ात कर इस आदेश का विरोध जताया।
मंगलवार को टोंक चिकन सेन्टर यूनियन ने एडवोकेट काशिफ जुबैरी के नेतृत्व में नगर परिषद आयुक्त नगर परिषद टोंक से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में लिखा है कि हम आपका ध्यान टोंक नगर परिषद द्वारा शहर में माँस व्यापार के लिए जारी किए गए अनापत्ति प्रमाण पत्र के क्रमांक संख्या-07 पर दिये गये तुगलकी ओर असंवैधानिक आदेश की ओर दिलाना चाहते है, जिसके अनुसार प्रत्येक मंगलवार को समस्त माँस / मुर्गा/बकरा/मछली / के प्रतिष्ठान बंद रहेंगे.
एडवोकेट काशिफ जुबैरी ने बताया कि हम नगर परिषद टोंक के इस आदेश की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए माँग करते है की एक लोकतांत्रिक देश में जहाँ किसी भी व्यक्ति को अपनी पसंद चुनने का, अपना भोजन चुनने का, अपना स्वतंत्र व्यापार करने का ओर एक सम्मानीय जीवन जीने का अधिकार है में इस तरह के तानाशाही ओर धर्म विशेष के लोगो को ध्यान में रख कर बनाये गये नियम या आदेश को तुरंत वापस लिया जाये, क्योंकि टोंक शहर में हज़ारों की तादाद में लोग माँसाहार पर निर्भर है।
उन्होंने कहा कि यह आदेश सीधे तौर पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद-14/19/21 का उल्लंघन है। कोई क्या खाएगा/कब खाएगा/कौनसे दिन खाएगा /कौनसे दिन व्यापार करेगा ओर नहीं करेगा, यह कोई भी सरकार या व्यवस्था तय नहीं कर सकती है, जब तक उसका किया गया आचरण किसी अन्य के अधिकारो का हनन नहीं करता हो. इस पत्र के माध्यम से हम माँग करते है की माँस व्यापार को लेकर मंगलवार को दिया गया दुकाने बंद करने का तानाशाही ओर तुग़लकी आदेश तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाये अन्यथा हम सांविधानिक तरीक़े से इसका विरोध करेंगे।
टोंक राजस्थान का एक ऐतिहासिक मुस्लिम बाहुल्य शहर है जहां पर आज़ादी से पहले मुस्लिम नवाबों का शासन रहा है। वर्तमान में नगर परिषद टोंक के सभापति कांग्रेस के अली अहमद है। यहां के विधायक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट हैं। यहां के लोकसभा सांसद भी कांग्रेस के हरीश मीणा है। इसलिए भी नगर परिषद द्वारा इस तरह का आदेश निकालने पर लोगों को हैरानी हो रही है।
क्या है नगर परिषद टोंक की बकरा/मछली/मुर्गी-अण्डा / पाडा का मांस बेचने हेतु शर्ते
नगर परिषद आयुक्त ने टोंक शहर में मांस बेचने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करने के लिए कुछ शर्तें बनाई हैं जो इस प्रकार हैं
1. अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने वाले निम्न शर्तों के अतिरिक्त राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 269 एवं प्रचलित वधशाला उपविधियों के प्रावधान की पूर्ण पालना करनी होगी।
2. दुकान की फर्श पुख्ता पत्थर की होनी चाहिए तथा प्रतिवर्ष दिवारो पर सफेदी या रंग कराना होगा।
3. प्रतिष्ठान के दरवाजे पर जाली या चिक लगाई जावे।
4. स्वच्छता के लिए मांस खुला न रखकर जालीदार शो केस मे रखा जाए।
5. मांस विक्रेता शारीरिक रूप से स्वच्छ हो, स्वच्छ कपड़े पहने तथा किसी संक्रमण रोग से पीड़ित ना हो।
6. अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्रतिवर्ष मार्च माह से पूर्व नवीनीकरण कराना होगा।
7. प्रत्येक मंगलवार को समस्त मांस / मुर्गा / बकरा/ मंच्छी के प्रतिष्ठिान बंद रहेंगें।
8. राज्य सरकार द्वारा घोषित एवं निम्न दिवसों पर भी दूकाने बन्द रखी जावे।
गणन्तंत्र दिवस, शहीद दिवस, महाशिवरात्रि, रामनवमी, महावीर जयन्ती, बुद्ध पूर्णिमा, स्वाधीनता दिवस, जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, ऋषि पंचगी, अनन्त चतुर्थदशी, गांधी जयंती, स्वामी दयानन्द निर्वाण दिवस, दीपावली, कार्तिक एकादशी, कार्तिक पूर्णिमा
9. यदि उक्त शर्तों का एवं आवेदन पत्र के साथ संलग्न वर्चन पत्र में अंकित शर्तों का उल्लंघन पाया जाता है, तो जारी अनापत्ति प्रमाण-पत्र को निरस्त कर दिया जाएगा और राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 के तहत विधिसम्मत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।