भीलवाड़ा के मांडल कस्बे में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार एवं एक नाबालिग को निरुद्ध किया है। जानकारी के अनुसार कथित रूप से आरोप है कि 10 अप्रैल शाम को कस्बे के लखारा चौक में समुदाय विशेष के व्यक्तियों ने दूसरे समुदाय के बैनर को पटाखे से जलाने की कोशिश कर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की थी।
इस सबंध में एक समुदाय के लोगों ने रोष जताते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मामला दर्ज करवाया था। थानाधिकारी संजय कुमार गुर्जर ने बताया कि टीम ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की तलाश कर डिटेन किया। इसमें समीर हुसैन पुत्र जाकिर हुसैन मंसूरी निवासी लखारा चौक, हबीब मोहम्मद उर्फ हबीब उल्ला पुत्र चांद मोहम्मद मंसूरी निवासी मदीना मस्जिद के सामने मालियों के मंदिर के पास और साथ ही एक नाबालिग को निरुद्ध किया। आरोपियों ने हमसलाह होकर घटना करना स्वीकार किया। टीम में सहायक उपनिरीक्षक पृथ्वीराज, कांस्टेबल सांवर सिंह, जसवंत सिंह, रमेश, सुरेश आदि शामिल थे।
मांडल कस्बे में ईद से एक दिन पहले बैनर और झण्डियों को टारगेट कर पटाखे से उन्हें जलाने के मामले में पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार किया है। मांडल थाना प्रभारी संजय गुर्जर ने बताया कि 10 अप्रैल की शाम को कस्बे के लखारा चौक में लगे बैनर और झण्डियों को टारगेट करते हुए पटाखे से जलाए थे।
सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के प्रयास में पुलिस ने लखारा चौक में रहने वाले समीर हुसैन पिता जाकिर हुसैन मंसूरी(20) और मदीना मस्जिद के सामने रहने वाले हबीब मोहम्मद उर्फ हबीबुल्लाह पिता चांद मोहम्मद मंसूरी(21) को गिरफ्तार किया है। साथ ही एक नाबालिग लड़के को निरुद्ध किया है। तीनों ने अन्य दोस्तों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया है।
यह था मामला
10 अप्रैल की रात मांडल कस्बे के लखारा चौक में ईद का चांद निकलने के बाद समुदाय विशेष के कुछ युवकों ने पटाखे चलाए थे। जिसके चलते वहां लगी हुई हिंदू नव वर्ष की बैनर और झण्डियां जल गई थी। हिंदू संगठन ने घटना को लेकर विरोध किया था और इसे सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश बताते हुए मामला दर्ज करवाया था।
मांडल कस्बे में ईद उल फितर पर जामा मस्जिद पर नमाज अदायगी के बाद निकलने वाला जलसा इस बार नहीं निकला। कस्बे में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा पुलिस जाप्ता तैनात नजर आया।
भीलवाड़ा जिले के मांडल कस्बे में बुधवार रात माहौल गरमाने के बाद गुरुवार को हिन्दू समुदाय के लोगों ने बाजार बंद रखे। मुस्लिम समुदाय की ओर से कस्बे में ईद का जुलूस भी नहीं निकला। नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कस्बे में लगे झंडे हटाने की मांग को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। कस्बे में एहतियातन पुलिस बल तैनात रहा।
दरअसल, कस्बे में बीती शाम पटाखे चलाने से नववर्ष के बैनर का कुछ हिस्सा जलने के बाद माहौल गरमा गया था और एक समुदाय के लोग कार्रवाई की मांग को लेकर पुलिस से अड़ गये। मौके पर पुलिस जाब्ता तैनात करना पड़ा। अधिकारियों ने समझाइश कर मामले को शांत करवाया। लेकिन गुरुवार को सुबह कस्बे में हिन्दू समुदाय के लोगों ने विरोध स्वरूप दूकानें बंद रखी तो मुस्लिम समुदाय ने विरोध स्वरूप ईद का जूलुस नहीं निकाला।
दरअसल, मांडल कस्बे के लखारा चौक में बीती रात हिन्दू नववर्ष की शुभकामना को लेकर लगे हुये बैनर के आस- पास कुछ युवकों ने पटाखे जलाये, जिससे बैनर का कुछ हिस्सा जल गया। इसे लेकर एक पक्ष के लोगों ने दूसरे पक्ष पर जान-बुझ कर बैनर जलाने का आरोप लगाते हुये कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर कार्रवाई की मांग कर रहे लोगों को आश्वासन दिया कि घटनास्थल के आस-पास लगे सीसी टीवी फुटेज देखे जायेंगे। इससे स्थिति साफ हो जायेगी। अगर किसी ने जानबुझ कर इस घटना को अंजाम दिया है तो केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जायेगा। इसके बाद लखारा चौक में शांति हो गई और पुलिस जाब्ता तैनात कर दिया गया लेकिन गुरुवार को विरोध स्वरूप हिन्दू समुदाय के लोगों ने बाजार बंद रखे और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जुलूस नहीं निकालकर ईद की नमाज के बाद जिला प्रशासन को कस्बे में लगे झंडे हटाने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया।
भीलवाड़ा के मांडल कस्बे में ईद के मौके पर जुलूस नहीं निकालने से नाराज अंजुमन वेलफेयर सोसायटी ने एसपी को ज्ञापन दिया है। इसमें दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई कर उनके निलंबन की मांग की गयी है।
समिति के आबिद ने कहा- दोनों समुदायों के बीच तय हुआ था कि कार्यक्रम के दो दिन बाद झंडे और बैनर हटा दिए जाएंगे, लेकिन कस्बे में कई दिन तक बैनर लगे रहे। इस संबंध में थाना प्रभारी को बताया गया कि ईद का जुलूस अंजुमन से शुरू होकर लखारा चौक होते हुए अंजुमन में समाप्त होगा.
पुलिस अधिकारियों से भी बैनर और झंडे हटाने का अनुरोध किया गया। अधिकारियों को सारी जानकारी देने के बाद भी पुलिस प्रशासन ने दबाव में आकर झंडा नहीं हटाया और मौके पर तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई. उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा समय पर कार्रवाई नहीं किये जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई कि आज जुलूस नहीं निकाला जा सका. जिससे उनके समाज को ठेस पहुंची है और धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं.
सोसायटी ने लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस दौरान बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर पहुंचे और नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया.
भीलवाड़ा के मांडल कस्बे में ईद के मौके पर जुलूस नहीं निकालने से नाराज अंजुमन वेलफेयर सोसाइटी ने एसपी के नाम ज्ञापन दिया है। इसमें दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड की मांग की है।