कांग्रेस नेता राहुल गांधी के राजस्थान के 12 व 13 फरवरी के दौरे मे पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को मुख्यमंत्री गहलोत खेमे द्वारा अलग थलग रखने के बाद आज जयपुर ग्रामीण के कोटखावदा मे सचिन पायलट खेमे द्वारा किसान महापंचायत आयोजित की गई ।
जिसमे बडी तादाद मे किसानों को उमड़ आने से गहलोत खेमे की चिंता को एक दफा फिर से बडा दिया है। कोटखावदा की आज की सभा मे सचिन पायलट के साथ मंच साझा करके सभा को सम्बोधित करने वाले कांग्रेस विधायक प्रशांत बैरवा व विधायक विरेन्द्र सिंह का शामिल होने की काफी चर्चा रहने के साथ साथ मुख्यमंत्री खेमे से एक एक करके कांग्रेस विधायकों के छिटकना माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री गहलोत की कार्यशैली से नाराज होकर सचिन पायलट के साथ जो अन्य अठारह कांग्रेस विधायक पीछले साल जुलाई महीने मे दिल्ली कूच करके गये थे उनमे से अधिकांश विधायक सचिन पायलट की उक्त तरह की सभाओ मे उनके साथ शामिल होते रहे है।
लेकिन उस समय सचिन पायलट की बजाय जो विधायक अशोक गहलोत द्वारा होटल मे कैद रहने वाले विधायकों मे से दांतारामगढ विधायक वीरेंद्र सिंह व निवाई विधायक प्रशांत बैरवा के आज पायलट के साथ कोटखावदा की सभा मे शामिल होकर सभा को सम्बोधित करने से प्रदेश मे एक नई बहस को जन्म दिया है।
विधायक वीरेन्द्र सिंह कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रहे दिग्गज किसान नेता चोधरी नारायण सिंह के पूत्र है वही विधायक बैरवा के पिता द्वारका प्रसाद बैरवा सांसद व प्रदेश मे मंत्री रह चुके है।
अब तक उक्त दोनो विधायकों को मुख्यमंत्री गहलोत समर्थक माना जाता रहा है।
कुल मिलाकर यह है कि सरकार बने ढाई साल होने को आने के बावजूद मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा राजनीतिक नियुक्तिया व मंत्रीमण्डल मे बदलाव व विस्तार नही करने के चलते गहलोत समर्थक विधायकों मे अंदर ही अंदर लावा फूट रहा है।
गहलोत द्वारा अपने कुछ इर्द गिर्द रहने वाले तक सरकार का लाभ पहुंचाने तक के चलते अब एक एक करके उनके समर्थक विधायको का उनसे छिटकना शुरू होना देखा जा रहा है।
सचिव पायलट समर्थकों द्वारा आज कोटखावदा की महापंचायत से पहले दौसा व भरतपुर मे किसान महापंचायत आयोजित कर चुके है। जिनमे शामिल होने वाली भारी भीड़ से उनका बढती लोकप्रियता को प्रदर्शित करता है।
-अश्फ़ाक क़यामखानी