ये मेरी NSUI, ये तेरी NSUI
राजस्थान विश्वविद्यालय में राजस्थान की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI के छात्रनेताओं का गज़ब खेल चल रहा है, आम छात्र एकदम कंफ्यूजिया गए हैं कि ये आखिर करना क्या चाहते हैं गुरु ?
पिछले 2-3 दिन से NSUI के कुछ छात्रनेता कैम्पस में इस बात पर धरना दे रहे हैं कि फर्स्ट और सेकेंड ईयर के छात्रों को प्रोविजनल के बजाय जनरल प्रमोट करो (जो मांग कहीं वाजिब भी लगती है) और दूसरा ये कि फाइनल ईयर वालों को 10% अतिरिक्त अंक देकर प्रमोट करो,
माने परीक्षा हो ही ना….ठीक है।
अब एक NSUI के ही छात्र प्रतिनिधि (लेटर पेड से पता चलता है कि NSUI के राज्यप्रवक्ता हैं) आज कुलपति को पत्र लिखते हैं औऱ कहते हैं “ग्रामीण परिवेश के कुछ छात्र फॉर्म भरने से रह गए तो कृपया सेमेस्टर परीक्षा फॉर्म के भरने की तारीख आगे बढ़ाई जाए”। पत्र में काफी छात्रनेताओं के दस्तखत भी हैं।

वहीं पिछले दिनों nsui के प्रदेशाध्यक्ष अभिमन्यु पूनिया, पूर्व अध्यक्ष अनिल चोपड़ा सरीखे नेता परीक्षा ना करवाने के लिए धरना भी दे चुके हैं।
तो अब देवी और सज्जनों, ये रहा 25 लाख का सवाल कि आखिर राजस्थान की NSUI में ये क्या चल रहा है? क्या ऊपरी स्तर पर कोई तालमेल नहीं है क्या ? ऐसे कैसे करोगे छात्र हितों की बात ? जब खुद के हित आपस में टकरा रहे हैं !
– अवधेश
अवधेश भाई शायद आपको यह पता ना हो कि छात्रों को प्रमोट करने के लिए एग्जाम फॉर्म भरना जरूरी है और जो छात्र एग्जाम फॉर्म नहीं भर पाए हैं उनका अधिकार है कि उन्हें दोबारा मौका मिलना चाहिए कि वह एग्जाम फॉर्म भर सकें ताकि अगर छात्रों को बिना परीक्षा के भी प्रमोट किया जाए तो उसका आधार यह हो कि जिन व्यक्तियों ने एग्जाम फॉर्म भरा है उन्हें ही प्रमोट किया जाएगा
आप जैसे शिक्षित युवाओं को ऐसी बातें शोभा नहीं देती