राजस्थान राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस-भाजपा के मध्य दो सप्ताह से चली आ रही राजनीतिक उठा-पटक के बाद आखिरकार तीन सदस्यों के चयन को लेकर चार उम्मीदवारों के मध्य मुकाबले मे आज हुये मतदान के बाद हुई मतगणना मे दो सीट कांग्रेस व एक सीट भाजपा के खाते मे गई।
भाजपा के दूसरे उम्मीदवार ओंकार सिंह लखावत को हार का मजा चखना पड़ा।
राजस्थान विधानसभा के कुल दो सौ विधायकों मे से मंत्री भंवरलाल मेघवाल के अस्पताल मे भर्ती होने के कारण व माकपा विधायक गिरधारी महिया को छोड़कर बाकी सभी 198 विधायकों ने आज हुये मतदान मे भाग लिया।
मतदान के बाद मतो की गिनती होने के पर कांग्रेस के उम्मीदवार केसी वेणुगोपाल को 64 व नीरज ढांगी को 59 मत मिले एवं भाजपा के राजेन्द्र गहलोत को 54 व भाजपा के दूसरे उम्मीदवार लखावत को 21 मत मिले।
मतगणना के बाद कांग्रेस के वेणुगोपाल व नीरज ढांगी एवं भाजपा के राजेन्द्र गहलोत को विजयी घोषित किया गया।
राज्यसभा चुनाव परिणाम के बाद मीडिया से बातचीत करते हुये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जिस प्रकार से भाजपा ने इन चुनावों को लेकर षड्यंत्र किया था, आज षड्यंत्र का पर्दाफाश हो गया, टाइमली हम लोगों ने विधायकों को रिक्वेस्ट करी, यह कोई अच्छी परंपरा नहीं है बाड़ेबंदी करने की, 10 दिन तक बाड़ेबंदी करना किसे कहते हैं,
भाजपा वालो को लोकतंत्र के हत्यारे बताते हुये गहलोत ने कहा कि कभी कर्नाटक को, कभी मध्यप्रदेश को, गुजरात में जो इन्होंने हॉर्स ट्रेडिंग की वो सबके सामने है, 7 विधायक हमारे तोड़ दिए, पर राजस्थान बचा रहा।
मैं तमाम विधायकों को, बीटीपी के लोगों को, सीपीएम के लोगो को, इन्डिपेंडेंट साथियों को बधाई देना चाहूंगा कि उन्होंने एकजुटता दिखाई है और वोटिंग पैटर्न वही रहा है जो हम लोगों ने तय किया था।
यह बहुत बड़ी सियासत में विजय है और ये जो बीजेपी वाले षड्यंत्र कर रहे थे, उनका पर्दाफाश हो गया है।
ये चाहे गोवा में हो, चाहे मणिपुर में हो, इनकी परंपरा रही है, कैसे, बहुमत किसी के साथ हो, तब भी सरकार कैसे बनाएं, ये जो चालें चल रहे हैं ना पूरा मुल्क देख रहा है, आने वाले वक्त में इनको बख्शेगा नहीं मुल्क.
गहलोत ने कहा इस चुनाव का बिल्कुल दूर तक मैसेज तो जा ही रहा है, मध्यप्रदेश में कांग्रेस से त्याग पत्र देने वाले जो 22 लोग गए हैं, उनकी बहुत दुर्गति हो रही है, कोई उनको पूछ नहीं रहा है।
उनके विधानसभा क्षेत्र की पब्लिक कह रही है सब बिकाऊ माल है, हमने 5 साल के लिए भेजा था इनको और ये डेढ़ साल में ही क्यों आ गए हमारे बीच में वापस?
ये सवाल का जवाब देते हुए नहीं बन पा रहा है विधायकों से जो छोड़कर गए थे, मंत्री थे अब सब पछता रहे हैं और सिंधिया जी की जो दुर्गति हुई है वो सबके सामने है।
इसलिए राजस्थान में कांग्रेस विधायकदल एकजुट रहेगा। हम गवर्नेंस देंगे बहुत चैंलेंजेज सामने हैं, एक तरफ कोरोना का संकट, दूसरी तरफ आर्थिक संकट जो पैदा हुआ है लॉकडाउन के कारण से, उन सबका मुकाबला हमें करना है।
मैं उम्मीद करता हूं तमाम विधायकों से, मंत्रिमंडल के साथियों से हम मिलकर चलेंगे और किसी रूप में अच्छी गवर्नेंस देने का हम लोग कामयाब होंगे, यह मैं कह सकता हूं।
इनको पूछो बीजेपी वालों को, आपके पास में क्या सामान था ? सामान नहीं था, उम्मीदवार खड़ा क्यों किया एक्स्ट्रा? उनको मालूम था हम लोग नहीं जीत पाएंगे उसके बावजदू भी क्योंकि एक दलित खड़ा हो गया था कांग्रेस से, ये दलित विरोधी लोग हैं बीजेपी वाले, इसलिए उन्होंने जानबूझकर के नीरज डांगी को हराने के लिए उम्मीदवार खड़ा किया, विधायक लोगों ने जवाब दे दिया उनका।
कांग्रेस उम्मीदवारो को कांग्रेस विधायकों के अलावा सभी तेराह निर्दलीय विधायक, लोकदल के एक, बीटीपी के दो, दो मे से एक माकपा विधायक को मिलाकर कुल 123 मत मिले एवं भाजपा उम्मीदवारों को भाजपा के सभी बहतर विधायकों के साथ तीन रालोपा विधायकों को मिलाकर पच्चेतर मत मिले।
कुल मिलाकर यह है कि विधानसभा मे पर्याप्त संख्याबल नही होने के बावजूद भाजपा द्वारा दूसरा उम्मीदवार मेदान मे उतारने को कांग्रेस ने चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने के लिये विधायकों को प्रलोभन देकर उनसे क्रोस वोटिंग करने की मंशा का भाजपा पर आरोप लगाते हुये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने कांग्रेस विधायकों के अलावा सभी समर्थक दलो के विधायकों व सभी निर्दलीय विधायको दस जून से होटल मे बाड़ाबंदी मे रख रखा था। जिनको आज सीधा मतदान स्थल लाया गया।
–अशफ़ाक कायमखानी
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक हैं)