“ट्रिपल तलाक बिल के विरुद्ध जयपुर कि सड़कों पर उतरी हज़ारों महिलाए”
महिला हितेषी होने का दावा करने वाली मोदी सरकार ने अपनी अथाह कोशिशों के बाद जैसे तैसे ट्रिपल तलाक बिल को पास तो करा तो लिया लेकिन सरकार के समक्ष अब ये चुनोती आ खड़ी हुई है कि इस बिल के विरुद्ध हज़ारों की तादाद में सड़कों पर उतर रही मुस्लिम महिलाओं का रुख किस तरह परिवर्तित किया जाए ओर किस तरह इस बिल को राजनीतिक आधार बनाने में सफल किया जाए।
देश के कई राज्यों शहरों और गलियों से होकर ट्रिपल तलाक का विरोध जब जयपुर पहुंचा तो मंज़र कुछ ऐसा था कि हर कोई टकटकी लगाकर देखने पर मजबूर हो गया।जयपुर कि सड़कें सूरज के तुलुअ होने के बाद ही से विरोध के काले रंग में ऐसी रंगने लगी कि जो जहां था वहीं ठहर गया।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बैनर तले किए गए गए इस विरोध प्रदर्शन में चेन्नई से आई बोर्ड की मेम्बर फ़ातिमा मुज़फ्फर कहती हैं कि मुस्लिम महिलाएं दबाई जा रही हैं उनके हक का दुरुपयोग किया जा रहा है हज़ारों की तादाद में सड़कों पर उतरी ये महिलाएं इसका विरोध करती हैं,शरीयत हमारा कानून है और हम इस जीते रहेंगे।साथ ही जमाअत ए इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय महासचिव डॉ सलीम इंजीनियर ने कहा कि ट्रिपल तलाक विधेयक पूर्णतः गैर संवैधानिक है तथा सरकार कि मंशा में खोट है,उन्होंने ये भी कहा कि ये बिल मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के विरुद्ध है,ओर सरकार को इसे वापस लेना चाहिए।