भट्टा बस्ती जयपुर शहर का वह इलाका है जिसकी लगभग 95℅ आबादी मुस्लिम है।
हाल के दिनों में मुस्लिम और मुस्लिम इलाको के खिलाफ सुनियोजित तरीके से नफ़रत का माहौल पैदा कर दिया गया है लेकिन इस बात से कोई इनकार नही कर सकता कि प्रेम और सहयोग मनुष्य का बुनियादी स्वभाव है।
ऐसे वक्त जब मुसलमानों को घृणा की नज़रों से देखा जा रहा है मुस्लिम सब्जी विक्रेताओं को मौहल्लों व कालोनियां में नही घुसने दिया जा रहा है।
इस सबके बावजूद भी देशभर के मुस्लिम बाहुल्य इलाको से कुछ खबरे ऐसी आती है जो दिल को सुकून देती है और उम्मीद कायम रखती है कि देश की गंगा जमुनी तहज़ीब कभी खत्म नही हो सकती है।
दिनांक 13 अप्रैल 2020 सोमवार को जयपुर शहर के भट्टा बस्ती इलाके में राजेंद्र नामक व्यक्ति की कैंसर की वजह से मृत्यु हो गई।
आस पास कोई हिन्दू परिवार भी नही था, दूर के रिश्तेदार भी मौजूदा हालातो और लॉक डाउन की वजह से आ नही सकते थे।
पास पड़ौसियों ने स्थानीय निवासी समाज सेवा दल के अध्यक्ष पप्पू क़ुरैशी को सूचना दी तब उन्होंने अपने साथियों के सहयोग से मृतक के अंतिम संस्कार का बंदोबस्त किया।
अंतिम संस्कार में सीमित संख्या में सिर्फ 8 लोगों के शामिल होने की अनुमति थी।
शवयात्रा में प्रमुख तौर पर हमीद कायमखानी, फहीम क़ुरैशी,हनीफ शाह, इरफान क़ुरैशी, अब्दुल वहीद और कुछ अन्य लोग शामिल हुए।
–बसन्त हरियाणा
(सामाजिक कार्यकर्ता)