देश और दुनिया में कोरोना वायरस लगातार पांव पसार रहा है, हजारों लोगों की मौत और लाखों लोग अस्पतालों और क्वारंटीन केंद्रों में अपनी जंग लड़ रहे हैं, वहीं दुनिया के कई देशों सहित भारत में 23 मार्च से लॉकडाउन है, करोड़ों जिंदगियां घरों में कैद है, लेकिन इस बीच कुछ ऐसे लोग भी हैं जो लगातार घरों से बाहर रहकर इस महामारी से लड़ रहे हैं।
जी हां, हमारे डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी, जिन्हें सरकार से लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना योद्धा बताया है, यही योद्धा जो दिन-रात हर मोर्चे पर कोरोना के खिलाफ जंग के अगुवा हैं, लेकिन क्या आपको पता है कोरोना के ये योद्धा अपना युद्ध दो अलग-अलग मोर्चों पर लड़ रहे हैं। अब आप सोच रहे होंगे ये कैसे, तो चलिए समझाते हैं।
कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जहां हमारे डॉक्टर और स्वास्थकर्मी उपलब्ध संसाधनों में जी जान से लगे हैं वहीं दूसरी ओर उन्हें अपने आसपास और मोहल्ले के लोगों के पूर्वाग्रह से भी लड़ना पड़ रहा है।

जी हां, राजस्थान की राजधानी जयपुर में कोरोना के हॉटस्पॉट बन चुके रामगंज से एक ऐसा वाक्या सामने आया है जो हमारे समाज को कलंकित करता है। दरअसल, ब्रह्मपुरी इलाके के कृष्णा नगर में किराए के मकान में रहने वाली महिला नर्स (चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में) को हाल में ड्यूटी से लौटते वक्त कॉलोनी के लोगों की अभद्रता का सामना करना पड़ा।
गौरतलब है कि हाल में कोरोना संक्रमण को लेकर जयपुर का रामगंज सुर्खियों में है तब प्रदेश की कोरोना योद्धा मेडिकल टीम में शामिल महिला नर्स अनिता का घर लौटते वक्त लोगों ने रास्ता रोककर मकान खाली करने का दबाव बनाया।

यहां तक कि लोगों ने नर्स के घर के बाहर इकट्ठा होकर मकान मालिक के साथ अभद्रता कर मकान खाली करवाने को भी कहा।
अनिता ने आरोप लगाया कि, कॉलोनी के लोगों ने मुझे धमकाया और कहा, “यह नर्स रामगंज जाती है, कॉलोनी में किसी के कोरोना हो गया तो जिम्मेदार कौन होगा” ?
आपको बता दें कि अनिता की पोस्टिंग जयपुर मोती कटला बड़ी चौपड की सरकारी डिस्पेन्सरी में है और फिलहाल कोरोना महामारी के चलते उनकी ड्यूटी जयपुर के रामगंज स्क्रीनिंग में लगाई गई है।
30-40 लोगों के झुंड ने घर पर धावा बोल दिया !
अनिता ने आरोप लगाया है कि, 8 अप्रैल को ड्यूटी खत्म कर शाम को रास्ते में घर के पास स्थित पुलिया के रास्ते पर कुछ लोगों ने सरिए, बांस तथा बड़े पत्थरों से रास्ता बंद कर दिया। उस समय मैं मकान मालिक को बुलाकर उनकी मदद से घर पहुंची।
आगे अनिता जोड़ती है कि “हमारे घर आने के थोड़ी देर बाद ही करीबन 35 से 40 लोग मेरे घर पर आये और जोर-जोर से मेरे मकान का गेट और मकान की घंटी बजाकर मुझे और मेरे मकान मालिक को बाहर बुलाया और मकान मालिक ने मेरे लिए जो रास्ता खोला था उसके विरोध मे गंदी गालिंयां देने लगे”।
वहीं वो लोग जोर-जोर से बोल रहे थे की इस औरत को यहां से बाहर निकाल कर फेंको। ये रामंगज ड्यूटी करके आती है। ये मेडिकल में काम करती है।
जब हमने अनिता के मकान मालिक मुकेश सोनी बात की तो उन्होंने अनिता की शिकायत पर सहमति दर्ज करते हुए आरोप लगाया कि,
8 अप्रैल को ड्यूटी खत्म कर शाम को घर आते समय रास्ते में घर के पास स्थित पुलिया के रास्ते पर कुछ लोगों ने सरिए, बांस तथा बड़े पत्थरों से रास्ता बंद कर दिया। अनिता ने रोते हुए मुझे फोन किया और मुझे बुलाया।
आगे मुकेश जोड़ते हैं कि मैंने जाकर बड़ी मशक्कत के बाद रास्ता खोला और हम घर आ गए। आगे घर पर हुई अभद्रता पर मुकेश कहते हैं कि, मैंने घर आए लोगों से कहा अनिता पूरी सावधानी रखती हैं, लेकिन फिर भी लोग नहीं माने और अनिता को धमकाते रहे।
पुलिस ने घटना के 4 दिन बाद लिखी FIR !
घटना के अगले दिन 9 अप्रैल को ब्रह्मपुरी थाने में पीड़िता अनिता ने अपने साथ हुई अभद्रता और लॉकडाउन में धारा 144 को तोड़ने की लिखित शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर एफआईआर दर्ज नहीं की और मामले की जांच हैड कांस्टेबल त्रिलोक चंद को सौंपी।
वहीं दैनिक भास्कर की एक खबर के मुताबिक हैड कांस्टेबल ने जांच में पाया कि ऐसा कोई मामला नहीं था।
लेकिन जब मामले ने मीडिया में तूल पकड़ा तो पुलिस ने 12 अप्रैल को घटना के 4 दिन बाद पीड़िता की FIR लिखी। पुलिस ने इस मामले में धारा 188,341,504 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है।
FIR के बाद अब ब्रह्मपुरी थानाधिकारी रोहिताश कुमार कहते हैं कि, हमने मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच कर रहे हैं, दोषियों को सजा दिलवाएंगे। हालांकि FIR दर्ज करने में देरी पर वह कोई स्पष्ट जवाब नहीं देते दिखते हैं।

वहीं अब FIR होने के बाद अनिता ने पुलिस पर आरोप लगाया कि,
घटना के 4 दिन बाद मुझे ACP माणक चौक बिजेन्द्र सिंह भाटी के सामने मेरे बयान दर्ज किए गए और मुझे हस्ताक्षर करने को कहा. आगे अनिता जोड़ती है कि लेकिन जब बयान की कॉपी मुझे दी गई तो उसमें मेरे बयान अलग थे।
हालांकि अनिता के मुताबिक उन्होंने अभी इस बयान की कॉपी पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं और अपने पहले के बयान पर ही कायम है। आखिर में अनिता कहती है कि मुझे बस न्याय चाहिए, “मेरा ऐसा मानना है कि अगर मुझे न्याय मिलेगा तो समाज में कोरोना कालखंड में मेडिकल और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा को लेकर समाज में एक नजीर साबित होगी”।
वहीं इस पूरे मामले पर माणक चौक ACP बिजेन्द्र सिंह भाटी का कहना है कि, हम इस पूरे मामले की अभी जांच कर रहे हैं, जल्द ही उचित कार्यवाही होगी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना योद्धा को लेकर क्या कहा है।
कोरोना वॉरियर्स के काम में बाधा पहुंचाने पर असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी। गहलोत ने कहा कि चिकित्सा कर्मियों स्वास्थ्य कर्मियों, प्रशासन और करोना के रोकथाम के लिए काम कर रहे सभी योद्धाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीर है। इन सभी कोरोना वॉरियर्स को सक्रिय सहयोग और समर्थन देना हमारा दायित्व है।
– अवधेश पारीक
(सभी बयान और स्पष्टीकरण पीड़िता अनिता, मकान मालिक मुकेश सोनी और थानाधिकारी से फोन पर बात करके लिखे गए हैं। संबंधित फोटो और वीडियो मकान मालिक ने भेजे हैं।)