करोना वायरस की ख़बरों के बीच देशभर में चल रहे लॉक डाउन में रविवार को उत्तरप्रदेश के भदौही जिले से हृदयविदारक घटना सामने आई!
लॉक डाउन में भोजन न मिलने से हताश एक महिला ने जिले के जहांगीराबाद गांव में अपने पांच बच्चो को गंगा नदी में फेंक दिया,मौके पर पहुँची पुलिस करवाई करते हुए आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है
पुलिस ने कहा कि “महिला मानसिक रूप से बीमार है”
वहीं दूसरी और वहां मौजूद लोगों का कहना था कि, “महिला ने घटना से पूर्व कहा था कि उसके परिवार को लॉक डाउन में खाना नहीं मिल रहा है,और तो और खाद्य सामग्री खरीदने के लिए पैसे भी नहीं है, क्योंकि वह एक दिहाड़ी मजदूर थी !
घटना स्थल पर मौजूद पुलिस अधिकारी का कहना था,
“हमारी पहली प्राथमिकता रेसक्यू टीम की मदद से बच्चों को बाहर निकालना है, आगे की कारवाई बाद में होगी!”
आपको बता दें कि देश भर में करोना वायरस से फैली महामारी के रोकथाम के लिए चल रहे लॉक-डाउन से भारत में सब से ज्यादा नुकसान दिहाड़ी मज़दूरी करने वालों का हुआ है!
नागरिक समाज में एक ऐसा समुदाय जो पहले से ही बहिष्कृत समुदाय की श्रेणी में आता है, ऐसे समुदाय के मानवाधिकारों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, जन-साहस संस्था द्वारा किये गए मूल्यांकन सर्वेक्षण के अनुसार देश के लगभग 92.5% मजदूर लगभग 1 से 3 हफ़्तों तक का काम खो चुके है, इसके चलते आय में हुए भारी नुकसान से अन्य मोर्चे भी बुरी तरह प्रभावित हुए है!
वास्तव में ऐसी ख़बरें हमारी सामाजिक बनावट और सरकारी प्राथमिकताओं की पोल खोलती हैं और बताती है कि समाज जिन दो ध्रुवों पर सिमट रहा है अब उनके बीच खाई बढ़ रही है!