
जयपुर: स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (SIO) के राष्ट्रीय सचिव यूनुस मुल्ला और तशरीफ केपी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राजस्थान के अलवर जिले के रघुनाथगढ़ गांव में पुलिस की बर्बरता का शिकार बनी 22 दिन की नवजात अलीश्बा के परिवार से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में SIO राजस्थान के महासचिव शोएब शान और सचिव समर उल खैर भी शामिल रहे।
गौरतलब है कि दिनांक 02 मार्च 2025, रमज़ान के पहले दिन सुबह 6 बजे, पुलिस ने इमरान नाम के व्यक्ति के घर पर बिना वारंट, बिना किसी सूचना और बिना महिला पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के छापेमारी की। यह छापेमारी साइबर क्राइम के शक में की गई थी, लेकिन पुलिस को इमरान के पास से कुछ भी बरामद नहीं हुआ।
छापेमारी के दौरान, मां रज़ीदा को जबरदस्ती खींचकर घर से बाहर निकाला गया और उनके साथ बदसलूकी की गई। पुलिसकर्मियों ने घर में घुसकर पलंग पर छलांग लगाई, जहां मासूम अलीश्बा सो रही थी। पुलिस की इस बर्बरता से बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई।
SIO की कड़ी निंदा और न्याय की मांग
इस संबंध में एसआईओ ऑफ इंडिया (SIO) के डेलिगेशन का नेतृत्व कर रहे संगठन के राष्ट्रीय सचिव यूनुस मुल्ला ने कहा कि:
“राजस्थान में पुलिस द्वारा की गई इस बर्बर कार्रवाई ने बीजेपी सरकार के अधीन पुलिस की निरंकुशता और अमानवीयता को उजागर कर दिया है। यह कोई अलग घटना नहीं, बल्कि मुसलमानों के खिलाफ राज्य द्वारा प्रायोजित हिंसा और दमन की एक कड़ी है।”
डेलिगेशन ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए SIO कि ओर से निम्नलिखित मांगें उठाईं:
1. सभी दोषी पुलिसकर्मियों और उनके उच्च अधिकारियों को तत्काल गिरफ़्तार कर हत्या के आरोप में मुकदमा चलाया जाए।
2. संबंधित पुलिस स्टेशन के इंचार्ज को बर्खास्त कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
3. पीड़ित परिवार को उचित मुआवज़ा दिया जाए।
4. बीजेपी सरकार द्वारा मुसलमानों को झूठे मामलों और हिंसक दमन के ज़रिए निशाना बनाने की नीति को तुरंत रोका जाए।
न्याय की लड़ाई जारी रहेगी
शोएब शान (महासचिव, स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया, राजस्थान ज़ोन) ने स्पष्ट किया कि पुलिस की यह बर्बरता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। SIO पीड़ित परिवार के साथ मज़बूती से खड़ी है और अन्याय के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगी।