।अशफाक कायमखानी।
राजस्थान मे कांग्रेस का मजबूत गढ माने जाने वाले इक्कीस विधानसभा क्षेत्रो वाला शेखावाटी जनपद के लक्ष्मनगढ से विधायक बने जाट जाति के गोविंद सिंह डोटासरा के मंत्रीमंडल मे राज्य मंत्री व आरक्षित सुजानगढ़ सीट से विधायक बने मास्टर भवंरलाल मेघवाल के केबिनेट मंत्री बनने से शेखावटी जनपद की सत्ता की सियासत बदली बदली नजर आयेगी। खासतौर पर जाट बाहुल्य सरजमीं की सियासत का पावर सेंटर अब पहले से बने रहने के मुकाबले पूरी तरह बदलता नजर आयेगा।
हालांकि राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के झूंझुनू से सरदार हरलाल सिंह, रामनारायण चोधरी व डा.चंद्रभान व सीकर से चोधरी नारायण सिंह जैसे चार जाट जाति से तालूक रखने वाले संगठन मे प्रदेशाध्यक्ष रहने के अलावा शीशराम ओला जैसे नेताओं का कांग्रेस की सियासत पर एक तरह से कब्जा सा रहा है। लेकिन बिना किसी राजनीतिक परिवेश वाले परिवार के एक साधारण परिवार के मास्टर के पूत्र गोविंद सिंह डोटासरा के शेखावाटी मे एक मात्र जाट जाति से मंत्री बनने के बाद कम से कम जाट सियासत का रुख पूरी तरह बदला बदला नजर आने लगा है। जाट जाति के करीब करीब हर घर से किसी ना किसी शख्स का सरकारी सेवा मे होने के कारण हर घर का सत्ता के पावर सेंटर की तरफ झुकाव होना माना जाता है।
शेखावाटी जनपद की सियासत मे दलित समुदाय का भी खासा दखल रहता आया है। जिसमे अनेक विधायक बने लेकिन पीछले एक अर्से से मास्टर भवंरलाल व परशराम मोरदिया का असर काफी मजबूत आँका गया है। जिसमे से मोजूदा गहलोत सरकार मे भवंरलाल मेघवाल को मंत्री बनाने के अलावा परशराम मोरदिया को एक दफा रोके जाने से दलित सियासत का पावर सेंटर बदला हुवा नजर आयेगा।
हालांकि भाजपा का एक तरह से शेखावाटी जनपद से सफाया करके इक्कीस मे से पंद्रह सीट कांग्रेस के खाते मे डालने के बावजूद केवल दो मंत्री बनाने से क्षेत्र के मतदाताओं मे निराशा का भाव पैदा होता नजर आ रहा है। उनका यह भी कहना है कि अकेले बीकानेर से दो मंत्री व पूरे शेखावाटी जनपद से दो मंत्री बनाना न्यायोचित तो नही माना जा सकता है।
कुल मिलाकर यह है कि मास्टर भवंरलाल मेघवाल व गोविंद सिंह डोटासरा के मंत्री बनने के बाद शेखावाटी जनपद की सियासत पूरी तरह बदली बदली नजर आयेगी। अब हमेशा की तरह बने रहने वाले सत्ता के पावर सेंटर के अलावा अलग से पावर सेंटर बनते नजर आयेंगे। दूसरी तरफ नजर मारे तो जनपद से दीपेन्द्र सिंह शेखावत, परशराम मोरदिया, राजेन्द्र पारीक, विजेन्द्र ओला, डा.जितेंद्र सिंह, राजकुमार शर्मा, व भवंरलाल शर्मा जैसे दिग्गज पूर्व मंत्रियों को दरकिनार करके गोविंद सिंह डोटासरा पर मुख्यमंत्री ने भरोशा जताते हुये मंत्री बनाकर अलग से एक संदेश दिया है।