।अशफाक कायमखानी।
राजस्थान की पच्चीस लोकसभा सीटों में से अजमेर, जयपुर, चूरु, झालावाड़ व झूंझुनू सहित कुछ जगह कांग्रेस अक्सर एक लोकसभा क्षेत्र से अलग अलग दफा बदल बदल कर मुस्लिम उम्मीदवार को चुनाव लड़वाती रही है। लेकिन जीतने वालो मे एक मात्र झूंझुनू लोकसभा क्षेत्र ही ऐसा रहा है जहां से नूवा गावं के केप्टन अय्यूब खां ही दो दफा चुनाव जीतकर लोकसभा मे पहुंच पाये है।
हाल ही मे सम्पन्न हुये विधानसभा चुनावों मे शेखावाटी व लगते नागोर जिले को मिलाकर कांग्रेस ने चार मुस्लिम नागौर से हबीबुर्रहमान, मकराना से जाकीर हुसैन, चूरु से रफीक मण्डेलीया व फतेहपुर से हाकम अली को उम्मीदवार बनाकर चुनाव लड़वाया था। जिसमे से एक मात्र हाकम अली खा ही चुनाव जीतकर विधायक बन पाये है। बाकी तीनो को हार का मुहं देखना पड़ा है।
एक तरह से कांग्रेस नेताओं मे विश्लेषण यह भी चल रहा है की मुस्लिम समुदाय की कायमखानी बिरादरी के किसी उम्मीदवार को अपने मतो के अलावा अन्य बहुसंख्यक मतो का मिलना व दिलाना काफी आसान माना जाता है। इसके विपरीत यह भी देखने को मिला है कि अधिकांश कायमखानी उम्मीदवार कांग्रेस के निशान पर मोका मिलने पर अक्सर चुनाव जीत कर आते रहे है। इसी वजह से कांग्रेस के शीर्ष नेता अब झूंझुनू व चूरु लोकसभा से किसी एक सीट पर कायमखानी को उम्मीदवार बनाकर सीट निकालना चाहते बताते है। जिनमे पूर्व सांसद मरहुम केप्टन अय्यूब खान के परिवार के अलावा अन्य नेताओं पर नजर खासतौर पर टिकी हुई बताते है। झूंझुनू लोकसभा क्षेत्र की फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हाकम अली खा भी कायमखानी बीरादरी से ताल्लुक है।
1979 के लोकसभा चुनावों मे तत्कालीन समय की सियासी तौर पर जागरूक बिरादरी कायमखानी व राजपूत मे पर्दे के पीछे हुये एक समझोते के तहत चुरु से जनता पार्टी के हलधर के निशान पर आलम अली खा व झूंझुनू से भीमसिंह मण्डावा ने चुनाव लड़ा था। जिसमे झूंझुनू से शीशराम ओला व सुमीत्रासिंह को हराकर भीमसिंह मण्डावा चुनाव जीतकर सांसद बने एवं चूरु मे कांग्रेस उम्मीदवार को काफी पीछे धकेल कर आलम अली खा मात्र पांच हजार से लोकदल के उम्मीदवार दौलतराम सारण से चुनाव जरुर हार गये लेकिन कांग्रेस खेमे में कायमखानी बिरादरी को लेकर काफी बैचेनी पैदा करने मे कामयाब जरुर हो गये थे। जिसका परिणाम यह निकला कि कुछ महिनो बाद 1980 के विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस ने चूरु से पहली दफा भालू खा के रुप मे किसी मुस्लिम को उम्मीदवार बनाया एवं फिर 1984 के लोकसभा चुनाव मे झूंझुनू से केप्टन अय्यूब खा को उम्मीदवार बनाकर चुनाव लड़वाने पर पहले ही झटके मे दोनो ही चुनाव जीतने मे कामयाब रहे थे।
भारत मे होने वाले 2019 के आम लोकसभा चुनाव मे सभी दलो की एक एक सीट को जीतने के लिये भारी कसमसाहट व गहरी दिलचस्पी रहेगी। इसलिये राजस्थान मे कांग्रेस पार्टी केवल खानापुर्ति के लिये किसी मुस्लिम को टिकट ना देकर पूरी तरह सोचसमझ कर राजनीतिक रणनीति के तहत टिकट देगी जिसमे झूंझुनू व चूरु मे से एक सीट से किसी कायमखानी को टिकट मिलना तय बताया जा रहा है। नये तौर पर बने राजनीतिक हालात के अनुसार कांग्रेस उम्मीदवार को परम्परागत मतो के अलावा माली व गुजर मतदाताओं का समर्थन मे आना मुख्यमंत्री गहलोत व उपमुख्यमंत्री पायलट के कारण तय माना जा रहा है।
कुल मिलाकर यह है कि आगामी मई माह मे होने वाले आम लोकसभा चुनावों मे कांग्रेस की तरफ से झूंझुनू व चूरु मे से किसी एक लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस की तरफ से किसी एक मुस्लिम कायमखानी को उम्मीदवार बनाना तय माना जा रहा है। जहाँ से करीब आधा दर्जन दावेदार बताये जा रहे है।