खेतों में हल छोड़ कर लाखों अंदाता सड़कों पर
मोदी जी जुमलों से कुछ नही होगा यहां देश का अंदाता पस्त है समय हो तो इनकी भी सुन लो
ख़ून-पसीना एक करके हम देश के लिए अनाज उगाने वाले किसानों ने महाराष्ट्र की सड़कों को लाल झंडों से पाट दिया है हम चाहते हैं कि हमें फ़सल उगाने की लागत से डेढ गुना ज़्यादा कीमत मिले,एक तरफ किसान खेतों में मर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ एसएससी की परीक्षा में घपला करके इनके बच्चों के भविष्य को मारा जा रहा है। बार-बार सेना की शहादत पर राजनीति करने वालों से यह पूछना चाहता हूँ कि ये जवान भी तो गरीब,किसान और मजदूर के ही लाल हैं फिर इनके ऊपर इतना अत्याचार कब तक करते रहोगे,कभी दिल्ली के जंतर मंतर पर नंगे हो जाते हैं कभी अपने पूर्वजों की अस्थियां गलों में लटकाए फिरते हैं कभी अपना सर मुंडवा देते हैं कभी इतने नीचे इस्तर पर पहुंच जाते हैं कि अपना पेशाब तक पी जाते हैं लेकिन आज सरकारें हैं कि बस उन्हें मूर्तियां तोड़नी हैं उन्हें हिन्दू,मुस्लिम करवाना है उन्हें धर्म की राजनीति करके वोट इकठ्ठा करना है लेकिन शर्म उन्हें आती नही!
और देश की दलाल मीडिया जो दिन रात श्री देवी को दिखाती रही आज उसके मुंह में जैसे किसी ने फेविकोल भर दिया हो! यहां देश के अंदाताओ के लिए उनके पास कोई शब्द कोई डिवैट नही…
और मैं देश के फेसबुकिए समाज से भी कहना चाहता हूं दो तीन दिन चुटकुले शायरी ना चिपका कर इनकी भी शुद्धि ले लो!!हम भी किसानों के परिवार से हैं और नही भी हैं तो सबसे बड़ा सैनिक देश का किसान ही है याद रखो!
पहले नारा था जय जवान जय किसान
और अब मर जवान मर किसान