राजस्थान के चुनाव में छुपे हुए भविष्य की राजनीति के अंकुर…
राजस्थान की विधानसभा चुनाव बहुत से साथियों ने मेरा विश्लेषकीय दृष्टिकोण जानने की उत्सुकता प्रकट की। मैं कोई दावा नहीं कर रहा लेकिन एक तटस्थ दृष्टिकोण से चुनाव के दौरान जो कुछ मैंने महसूस किया उसे जरूर आपके साथ साझा करना चाहूंगा..
किसी निष्कर्ष से पूर्व कुछ महत्वपूर्ण चीजें जो पहली बार महसूस की और जो भविष्य में राजस्थान की राजनीति मे महत्वपूर्ण हो सकती है वह इस प्रकार से है…..
मैंने महसूस किया कि इस चुनाव में राजनीतिक पार्टियों और जातियों से इतर एक युवा वर्ग का उभार सक्रिय रूप से देखा, जो राजनीतिक व्यवस्था में अपने वजूद, पहचान एवं महत्व को रेखांकित करवाने की एक मनोवैज्ञानिक सोच लिए बड़े जोश-खरोश से चुनाव में हिस्सेदारी कर रहा था।
जनता का एक बड़ा वर्ग किसी राजनीतिक दल या प्रतिनिधि को जिताने की अपेक्षा अन्य प्रतिनिधि व राजनीतिक दल को हराने की कोशिश में लगा हुआ था। (पटकनी देने की भावना से)
चुनाव के दौरान सबसे महत्वपूर्ण चीज जो मुझे आश्चर्यचकित कर रही थी वह यह थी कि राजस्थान में पहली बार तीसरी शक्ति अपना वजूद प्राप्त कर रही है। यह कोई राजनीतिक दल या विचारधारा नहीं है अपितु जनता स्वयं इस का प्रतिनिधित्व कर रही थी। जहां भी उसे दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों से इतर कोई भी मजबूत विकल्प दिखाई दिया,जनता ने पुरजोर तरीके से आर्थिक मदद के साथ-साथ सहभागिता भी कर रही थी और यह भविष्य में राजस्थान की राजनीति का सबसे प्रमुख आयाम ऊपर सकता है।
चुनाव के दौरान एक महत्वपूर्ण बात यह भी महसूस की, कि यह चुनाव भाजपा के विरुद्ध जनता द्वारा लड़ा जा रहा था। चुनाव में भविष्य की कोई रूपरेखा नहीं थी सिर्फ पूर्ववर्ती सरकार के विरुद्ध एक आक्रोश था।
अब सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आखिर चुनाव के परिणाम क्या रहेंगे..? इस बारे में मेरे दो महत्वपूर्ण निष्कर्ष सभी एग्जिट पोलो से अलग निकल रहे हैं…
निकल रहे हैं ये तीन निष्कर्ष……….!
पहला – राजस्थान में लगभग 50 से अधिक सीटों पर त्रिकोणीय या चतुष्कोणिय मुकाबला है और इन सभी जगह पर बीजेपी तीसरे या चौथे स्थान पर रहेगी। तथा इन स्थानों पर लगभग कांग्रेश पर बीजेपी से इतर लगभग 25 सीटों के आसपास निर्दलीय या अन्य छोटे दलों के प्रतिनिधि जीत कर विधानसभा में पहुंच सकते हैं
दूसरी- भाजपा की सीटें 50 या 55 से कम ही रहेगी।
इसका तात्पर्य है कि कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ लगभग 120 सीटों के आसपास प्राप्त करेगी। लेकिन आगामी विधानसभा में विपक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका के रूप में तीसरा पक्ष अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा| अगर ऐसा होता है तो 2023 के विधानसभा चुनाव में राजस्थान में एक मजबूत तीसरा विकल्प उभर कर सामने आएगा।
तीसरी- चुनाव में मोदी के सम्मोहन की समाप्ति भी भारतीय लोकतंत्र के पुनर्जीवन में एक नया आयाम स्थापित करेगी।
प्रोफ़ेसर सी॰बी॰ यादव