पीपुल्स यूनियन फ़ॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) राजस्थान ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर उनसे माफ़ी मांगने की मांग की है। पीयूसीएल राजस्थान की प्रदेश अध्यक्ष कविता श्रीवास्तव का कहना है कि अजमेर लिटरेचर फेस्टिवल में भाग लेने के लिए अजमेर आए हुए नसीरुद्दीन शाह के साथ जिस तरह से वंहा पर लोगों ने उनका विरोध किया, उनके पोस्टर फाड़ दिए और उनका शो नही होने दिया उसके लिए मुख्यमंत्री को समस्त प्रदेश वासियों की तरफ से नसीरुद्दीन शाह से माफ़ी मांगनी चाहिए।
यह लिखा है मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में
दिनांक : 22.12.2018
सेवामें,
मुख्यमंत्री,
राजस्थान सरकार।
विषय : अजमेर साहित्य उत्सव में नसीरूद्दीन शाह को बोलने नहीं दिये जाने तथा उपद्रवियों के विरूद्ध पुलिस कार्यवाही की विफलता के सम्बन्ध में
महोदय,
निवेदन है कि दिनांक 21 से 23 दिसम्बर 2018 को अजमेर में आयोजन ‘‘साहित्य उत्सव’’ में अन्तरराष्ट्रीय ख्याती प्राप्त अभिनेता नसीरूद्दीन शाह को उदघाटन हेतु आमंत्रित किया गया था तथा इसी अवसर पर उनकी पुस्तक पर चर्चा का सत्र भी रखा गया था। यह अत्यन्त चिंताजनक व दूर्भाग्यपूर्ण है कि दिनांक 21 दिसम्बर 2018 को 2 बजे आयोजन से ठीक पहले 30-40 उपद्रवियों ने आयोजन परिसर में मंच पर कब्जा कर लिया तथा होर्डिंग आदि जला दिये। पुलिस प्रशासन को आयोजन तथा श्री नसीरूद्दीन शाह के आगमन की पूर्ण सूचना होने के बावजूद भी आयोजन स्थल पर केवल दो ही पुलिसकर्मी मौजूद थे तथा उन्होंने भी इन तत्वों को रोकने में दिलचस्पी नहीं दिखलाई व कोई कार्रवाही नहीं की। उपद्रवियों ने वहां लखनऊ से आए वरिष्ठ साहित्यकार व कवि श्री नरेश सक्सेना के साथ भी अभद्र व्यवहार किया। पुलिस द्वारा श्री नसीरूद्दीन शाह को आवश्यक सुरक्षा नहीं मिलने के कारण उन्हें अजमेर आकर भी कार्यक्रम में बगैर भाग लिए मजबूरन वापिस लौटना पड़ा।
अजमेर की पहचान सर्वधर्म सद्भाव व सह अस्तित्व की नगरी के रूप में हैं। ऐसे शहर में साम्प्रदायिक तत्वों के हौंसले बुलन्द होना तथा पुलिस का उन्हें रोकने में विफल सिद्ध होना शर्मनाक हैं। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारण देश ही नहीं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भी राजस्थान की सांस्कृतिक गरिमा तथा देश की लोकतांत्रिक छवि को हानि पहुँची हैं। अफसोस है कि सत्ता परिर्वतन व पुलिस नेतृत्व के बदलाव के बावजूद भीड तंत्र प्रदेश का तानाबाना छीन्न-भीन्न करने मे लगा हुआ हैं और आपकी तरफ से कोई भी संदेश या निन्दा इस घटना को लेकर नहीं की गई हैं। हम उम्मीद करते हैं कि :
1. सम्पूर्ण घटनाक्रम की उच्च स्तरिय जाँच करवाई जाए।
2. घटना को रोकने में असमर्थ पुलिस अधिकारियों के विरूद्ध समुचित कार्रवाई की जाए।
3. समस्त उपद्रवियों को नामजद कर उनके विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर न्यायिक कार्रवाई की जाए। उल्लेखनीय है कि घटना के वीडियों तथा फोटो मीडिया के पास उपलब्ध हैं तथा उजागर किये जा चुके हैं। अतः सभी अपराधियों को पहचाना जा सकता हैं।
4. राज्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृती को रोकने तथा भयमुक्त वातावरण बनवाने के लिए पुलिसकर्मियों को समुचित निर्देश जारी किये जाए।
5. नसीरूद्दीन शाह को समस्त प्रदेशवासियों की तरफ से आपको माफी मांगनी चाहिऐ क्योंकि प्रदेश में नफरत फैलाने वाले उपद्रवी अभी भी सक्रिय है और उनको रोकने में राजस्थान पुलिस नाकाम रही है।
6. अभिव्यक्ति की आजादी लोकतंत्र का मूल आधार है। राजस्थान में अभिव्यक्ति की आजादी को मजबूत करने तथा अल्पसंख्यक वर्ग में व्याप्त भय को समाप्त करने के लिए विशेष प्रयास किये जाएं।
आपसे सकारात्मक कार्रवाई की आशा सहित।
कविता श्रीवास्तव अनन्त भटनागर
(अध्यक्षा) (महासचिव)