राजस्थान के कई इलाकों में अंधड़ के रूप में आई विपदा में हताहत हुए लोगों को मुआवजा के मामले में राजस्थान सरकार की ओर से भेदभाव बरता जा रहा है। यह भेदभाव गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया की ओर से गुरुवार को भाजपा मुख्यालय में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में सामने आया है। जब गृहमंत्री ने राजस्थान में आए अंधड़ में यूपी के दो लोगों की मौत होने पर उनके परिजनों को मुआवजा दिए जाने की बात से इनकार कर दिया।
कटारिया ने मीडिया से कहा कि राजस्थान में बुधवार दोपहर बाद आए अंधड़ के कारण तीन जिलों में भारी जनहानि हुई है। अंधड़ से अब तक 35 लोगों की मौत हो गई और 205 लोग घायल हो गए। सबसेे ज्यादा 17 मौतें भरतपुर जिले में हुई है। अलवर में 9 और धौलपुर में भी 9 लोगों की जान गई है। इस पर राज्य सरकार ने तुरंत मृतकों के परिजनों के लिए सहायता राशि जारी कर दी। यह सहायता राशि सुबह सवा 11 बजे ही तीनों जिलों के कलेक्टरों के पास ट्रांसफर कर दी गई है। इनमें भरतपुर के लिए 1 करोड़, अलवर के लिए 65 लाख और धौलपुर के लिए 85 हजार की राशि जारी कर दी गई। आपदा के बाद सरकार ने तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि धौलपुर में मृतकों में शामिल 2 लोग यूपी के रहने वाले हैं। राजस्थान सरकार की ओर से इन दो मृतकों के परिजनों को सहायता राशि नहीं दी जाएगी। इनके मामले में यूपी सरकार की तरफ से मदद दी जाएगी।
मदद रोकना सरकार की छोटी मानसिकता : खाचरियावास
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं जयपुर जिलाध्यक्ष प्रतापसिंह खाचरियावास का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से मृतक के परिजनों के साथ भेदभाव करना छोटी मानसिकता को दर्शाता है। आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ, जैसा गृहमंत्री कटारिया ने कहा है। मृतकों के मामले में राज्य के हिसाब से भेदभाव नहीं किया जा सकता है। प्रदेश में आई आपदा में मृतक यदि दूसरे राज्य का है तो उसे भी मुआवजा मिलना चाहिए। कटारिया को ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए। उन्हें यह निर्णय वापस लेना चाहिए।