मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने पिछले 6 दिनों से दिल्ली के रामलीला मैदान में चल रहा उनका आंदोलन समाप्त कर दिया है।
अन्ना हजारे का अनशन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री गिरीश महाजन ने जूस पिलाकर तुड़वाया।
अन्ना हजारे का कहना है कि केंद्र सरकार ने उनकी लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति की मांग को मानने का आश्वासन दिया है।
अन्ना हजारे 23 मार्च से दिल्ली के रामलीला मैदान पर अनशन शुरू किया था. सात साल पहले भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की मांग को लेकर भी वो इसी मैदान में अनशन पर बैठे थे.
अन्ना लोकपाल की नियुक्ति और किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और तय आमदनी के लिए सरकार से ऐक्शन प्लान की मांग कर रहे थे.
अनशन शुरू करने से पहले अन्ना ने कहा था कि, “मैंने बीते चार सालों में मोदी सरकार को 43 चिट्ठियां लिखीं, लेकिन मुझे किसी का भी उत्तर नहीं मिला. इसलिए मैं अमरण अनशन पर बैठने के लिए बाध्य हो गया हूं. ये मेरे जीवन का आखरी आंदोलन है, या तो केंद्र सरकार हमारी माँगे पूरी करें। या मैं इसी रामलीला मैदान में प्राण त्याग दूँगा । ”
अनशन के दौरान अन्ना का कहना था कि देश में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है. 2011आंदोलन को 60 से ज्यादा कैमरे कवर करते थे आज केवल एक कैमरा रहता है. मोदी सरकार ने अपना वचन पूरा नहीं किया. ना लोकपाल आया, ना स्वामीनाथन आयोग लागू हुआ, ना ही देश भ्रष्टाचार मुक्त हुआ.
इससे पहले सोमवार को महाराष्ट्र कैबिनेट मिनिस्टर गिरीश महाजन महाराष्ट्र कैबिनेट मिनिस्टर भी अन्ना से बात करने के लिए पहुंचे थे।