दिनांकः 18 अक्टूबर 2018
मुस्लिम संगठनों ने मांगा आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व
आगामी विधानसभा चुनाव के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश के प्रमुख मुस्लिम संगठनों के संयुक्त मंच राजस्थान मुस्लिम फोरम ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स आयोजित कर सभी धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दलों से मुसलमानों को आबादी के अनुपात में टिकट देने की मांग की। फ़ोरम के पदाधिकारियों के अनुसार सत्ता और संगठन में भागीदारी आगामी विधानसभा चुनाव में सबसे अहम मुद्दा है, क्योंकि विधानसभा में मुसलमानों के प्रतिनिधित्व का घटता अनुपात देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए घातक है।
प्रेस कॉन्फ्रेन्स में फोरम के संयोजक क़ारी मुईनुद्दीन के अलावा घटक संगठनों के प्रतिनिधि मुहम्मद नाज़िमुद्दीन, हाफ़िज़ अबरार अहमद, हाफ़िज़ मंज़ूर अली ख़ान, एडवोकेट पैकर फ़ारूक़, प्रोफ़सर मुहम्मद हसन, अब्दुल लतीफ़ आरको, डा. मुहम्मद इक़बाल सिद्दीक़ी, ख़ालिद मंज़ूर आदि शामिल थे।
फोरम के सदस्यों ने कहा कि राजनीतिक दलों को मुसलमानों सहित सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिये। फोरम के अनुसार राजनीतिक दलों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि मात्र जिताऊ उम्मीदवार के नाम पर साम्प्रदायिक एवं आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को टिकट न दिया जाए।
फोरम की यह भी मांग है कि विधानसभा चुनाव में टिकट ऐसे प्रत्याशियों को दिए जाएं जो अल्पसंख्यकों, वंचितों, कमज़ोरों, मज़लूमों और विशेषकर मुसलमानों की समस्याओं और मुद्दों की समझ रखते हों और उन्हें हल कराने के लिए अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हुए विधानसभा और पार्टी के मंच पर पुरज़ोर आवाज़ उठा कर समाधान करा सकें। फोरम ने राजनीतिक दलों को सलाह दी कि अपने घोषणा पत्रों में अल्पसंख्यकों एवं वंचितों की सुरक्षा, शिक्षा एवं रोज़गार आदि के मुद्दों को समाहित करने के लिए मुस्लिम एवं वंचित वर्गों के प्रतिनिधियों से सलाह लें।
फोरम ने चेतावनी दी कि कोई भी राजनीतिक दल मुसलमानों को अपना वोट बेंक समझने की भूल न करे क्योंकि यदि उपरोक्त मांगों को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश के मुस्लिम समाज के साथ सम्मानजनक राजनीतिक व्यवहार नहीं किया गया तो मुसलमानों के सामने सभी उचित विकल्प खुले रहेंगे।