कोंग्रेस सरकार ने राजस्थान में अपनी पहली कैबिनेट में पूर्व में BjP सरकार द्वारा बंद की गई हरिदेव जोशी पत्रकारिता यूनिवर्सिटी को पुनः प्रारंभ का फैसला लिया है।
इससे पहले वसुंधरा ने एक ही झटके में यूनिवर्सिटी को बंद करने का निर्णय लिया था , हम विद्यार्थियों पर उनका निर्णय गाज बनकर गिरा था । अब पुनः इसमे दोनो ही पार्टियों के मतदाता ( नागरिक) पढ़ेंगे और फिर से बंद करने के आर्डर होंगे और विद्यार्थी परेशान होंगे।
अपने सत्ता हस्तांतरण के इस खेल में यूनिवर्सिटी को खोलना और बंद करने के इनके निर्णयों में अगर पिसा जायगा तो, वो है आम विद्यार्थी !
संघर्ष उस सरकार के समय किया था…सरकार सुनती तो यूनिवर्सिटी चालू रहती…उस सरकार ने तो नहीं सुना…लेकिन नई सरकार ने उस संघर्ष को करीब से देखा था….जब पत्रकारिता विश्वविद्यालय के हम सभी साथी संघर्ष कर रहे थे, उस समय भी कांग्रेस ने कहा था कि भाजपा विश्वविद्यालय को बंद कर गलत कर रही हैं. लेकिन सरकार को तो अहंकार था। साथियों ने भूख हड़ताल की, कैंडल मार्च निकाला, धरना प्रदर्शन किया, पुलिस की लाठियां भी खाई ,लेकिन कोई हल नहीं निकला था। अब सरकार ने विश्वविद्यालय वापस शुरू करने की घोषणा की तो सभी साथियों के संघर्ष की जीत हो गई। अब उम्मीद करते हैं कि पुनः विश्वविद्यालय में रौनक लौटेगी। जैसे ही आज यह घोषणा हुई साथियों के साथ किया संघर्ष याद आ गया। इस फैसले के लिए गहलोत सरकार का हार्दिक आभार।
―आदिल सीकर (हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र )